नई दिल्ली: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की कल से शुरू हो रही भारत यात्रा के दौरान बहुप्रतीक्षित 'तीस्ता जल-बंटवारा समझौते' पर हस्ताक्षर किये जाने की संभावना कम है. बहरहाल दोनों करीबी पड़ोसी देश रक्षा एवं सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुए कम से कम 25 समझौतों पर हस्ताक्षर करने वाले हैं.
रक्षा क्षेत्र में सहयोग मजबूत करना मुख्य केंद्र बिंदु
शेख हसीना की चार दिवसीय यात्रा के दौरान रक्षा क्षेत्र में सहयोग मजबूत करना मुख्य केंद्र बिंदु होगा. इस दौरान बांग्लादेश को सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति के लिये भारत 50 करोड़ डॉलर का कर्ज देने की घोषणा कर सकता है.
दोनों देशों के कारोबार, निवेश, परिवहन और उर्जा के क्षेत्र में सहयोग विस्तार करने की संभावना है. भारत तीस्ता समझौते की सफलता को लेकर आशान्वित नहीं है क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसका मजबूती से विरोध करती रही हैं. ऐसी खबर है कि केंद्र सरकार ममता को शामिल किये बगैर समझौते पर आगे नहीं बढ़ेगी.
तीस्ता समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने की संभावना
सितंबर 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान तीस्ता समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने की संभावना थी लेकिन ममता की आपत्ति के बाद अंतिम समय में इसे रद्द कर दिया गया था.
बांग्लादेश के लिये विशेषकर दिसंबर से लेकर मार्च की अवधि में पानी की कमी के चलते तीस्ता का जल महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इस दौरान जल का प्रवाह अक्सर अस्थायी रूप से 1,000 क्यूसेक से लेकर 5,000 क्यूसेक से भी नीचे तक चला जाता है. जानकार लोगों ने बताया कि हसीना की यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर की संभावना कम है.