पटना: लालू यादव के बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप पर ज़मीन गबन के आरोप लग रहे हैं. बिहार सरकार का हिस्सा जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) ने आरोप लगाया है कि तेजप्रताप ने मंदिर के निर्माण के आड़ में सरकारी ज़मीन के गबन की कोशिश की है.


बिहारी में महागठबंधन टूटने के बाद मंत्री पद गंवाने के वाले लालू के बेटे तेजप्रताप को बंगला खाली करना था, लेकिन ऐसा करने से पहले उन्होंने इसे एक भूत बंगला करार दे दिया. वहीं, जेडीयू का कहना है कि लालू के बेटे अपने काले कारनामों के लिए मशहूर हैं और मंदिर निर्माण के सहारे ज़मीन गबन के मामले को सरकार गंभीरता से देखेगी.


पंडित की भविष्यवाणी पर हुआ मंदिर निर्माण


लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप पर आरोप है कि मंत्री के तौर पर उन्हें मिला सरकारी बंगला खाली करने से पहले बंगले के ठीक पीछे के हिस्से की सरकारी ज़मीन पर उन्होंने एक मंदिर बनवा दिया. मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महाशिवरात्रि के दिन हुई थी.


सूत्रों के मुताबिक, किसी पंडित ने कह दिया था कि मंदिर बन जाने पर ये बंगला कभी खाली नहीं होगा और तेज इसमें हमेशा बने रहेंगे. लेकिन सरकार गई तो बंगला छोड़ना पड़ा. तेजप्रताप जब इस बंगले में बतौर स्वास्थ्य मंत्री रहते थे. तब इसके मुख्य दरवाज़े को एक ज्योतिष की सलाह पर पीछे की तरफ कर दिया था.


पीछे जो लोग झुग्गी झोपड़ियों में रहते थे, उन्हें इसकी वजह से वहां से हटा दिया गया. तेज की गाड़ियों के काफिले को लेकर भी लोग परेशान होते थे. इसे लेकर लोगों ने विरोध भी दर्ज कराया था. बाद में मामले ने तूल पकड़ा तो पीछे के इस गेट को बंद कर दिया गया.


तेज की देखरेख में बना मंदिर, नहीं हुई कोई कार्रवाई


पिछले कई महिनों से तेजप्रताप की देखरेख में मंदिर बनता रहा, लेकिन किसी अधिकारी ने रोकने की कोशिश नहीं की. जबकि मुख्यमंत्री आवास और राजभवन यहां से काफी करीब है. मंदिर बनने के दौरान इसमें तेजप्रताप यादव के संगठन डीएसएस (धर्मनिरपेक्ष स्वंय सेवक) का कार्यालय भी चलता रहा. तेजप्रताप यहां अक्सर आते रहते हैं.


मंदिर में तेजप्रताप ने अपने समर्थकों को रखा है जो मंदिर की देखभाल करते हैं. इनका कहना है कि मंदिर हर जगह सरकारी जमीन पर ही बनता है, इसलिए तेजप्रताप यादव ने भी अगर ऐसा किया है तो कुछ भी गलत नहीं है.


मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भी तेजप्रताप यहां आए थे, लेकिन मंदिर में रहने वाले पुजारी ने जब इस बात को छिपाने की कोशिश की तो मंदिर परिसर में ही रहने वाली एक महिला ने कहा कि तेजप्रताप तब यहां आये थे. मंदिर में लगे शिलापट्ट में तेजप्रताप, लालू और राबड़ी देवी का नाम भी लिखा है.


नीतिश की पार्टी ने लगाए सिलसिलेवार आरोप


नीतिश की पार्टी जेडीयू के प्रवक्ता नीरज सिंह ने तेजप्रताप पर सरकारी ज़मीन पर मंदिर बनवाने को लेकर हमला करते हुए कहा कि लालू के राजनैतिक ज़मीन की वजह से पद पाने वाले तेजप्रताप ने बड़ी मशक्कत के बाद सरकारी बंगला छोड़ा, लेकिन जाते-जाते उन्होंने एक नया विवाद पैदा कर दिया. ज़मीन पर समाज के अति पिछड़े और दलितों जिन झोपड़ियों में बसे है उनकों हटाकर वहां धार्मिक पाखंड किया गया.


नीरज ने देश के सबसे बड़े कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में एक आदेश पास किया था, जिसमें कहा था कि सरकारी ज़मीन पर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा बनवाना कानूनन अपराध है.


नीतिश-सुशील पर लगाया भूत छोड़ने का आरोप


बंगला खाली करने के पीछे की वजह बताते हुए तेजप्रताप ने कहा कि भूतों के डर से उन्होंने सरकारी बंगला छोड़ दिया है. वहीं उन्होंने सीएम नीतिश कुमार और सुशील मोदी पर बंगले में भूत छोड़ने का आरोप लगाया गया है. ऐसा कहने वाले वो अकेले नहीं हैं बल्कि उनके विधायक भी यही कह रहे हैं.