(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
स्वदेशी तेजस फाइटर जेट ने हासिल किया नया मुकाम, एफओसी-स्टंडर्ड के साथ भरी पहली उड़ान
स्वदेशी फाइटर जेट तेजस नया मुकाम हासिल किया है. अब तेजस इजरायली बियोंड विजयुल रेंज यानि बीवीआर मिसाइल से लैस होगा.
नई दिल्ली: स्वदेशी लड़ाकू विमान, एलसीए तेजस ने एक नया मुकाम हासिल कर लिया है. लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस ने बियोंड विजयुल रेंज मिसाइल सहित 'एफओसी स्टैंडर्ड' के साथ मंगलवार को बेंगलुरू में उड़ान भर एक मील का पत्थर हासिल किया.
हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के मुताबिक, दोपहर साढ़े बारह (12.30) बजे एचएएल के चीफ टेस्ट पायलट, एयर कोमोडर (रिटायर) के ए मुथाना ने बेंगलुरू स्थित एचएएल स्थित फैसिलिटी से ये उड़ान भरी. उन्होनें करीब 40 मिनट तक ये उड़ान भरी. एलसीए तेजस के एसपी (सीरीज प्रोडेक्शन)-21 फाइटर जेट ने ये उड़ान भरी. एचएएल के मुताबिक, अगले 15 एलसीए तेजस लड़ाकू विमान एफओसी यानि फाइनल क्लीयरेंस स्टैंडर्ड से लैस होंगे.
एफओसी स्टैंडर्ड में बीवीआर यानि बियोंड विजयुल रेंज मिसाइल के साथ साथ एयर टू एयर रिफ्यूलिंग और कुछ मैन्युफैक्चेरिंग इम्प्रोवमेंट भी किए गए हैं. ये सभी खूबियां शुरूआती तेजस यानि आईओसी (इनिशियल ओपरेशनल क्लीयरेंस) एलसीए में नहीं थे. जानकारी के मुताबिक, ये एडवांस तेजस इजरायली डर्बी बीवीआर मिसाइल से लैंस होंगे. इन डर्बी मिसाइल की रेंज करीब 50 किलोमीटर है.
आपको बता दें कि वर्ष 2016 में रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर वायुसेना ने तेजस के आईओसी फाइटर जेट्स को ही अपने जंगी बेड़े में शामिल कर लिया था जिनमें एफओसी के एडवांस फीचर नहीं थे. इन तेजस मार्क-वन जेट्स को तमिलनाडु के सुलुर बेस पर तैनात किया गया है. उस वक्त वायुसेना और एचएएस के बीच कुल 40 तेजस लड़ाकू विमानों का सौदा हुआ था.
गौरतलब है कि एचएएल अब एलसीए तेजस के मार्क वन-ए (एमके वन-ए) संस्करण पर भी काम कर रहा है. ये और अधिक एडवांस फाइटर जेट्स हैं. इसमें भी वियोंड विजयुल रेंज होगी यानि ऐसी मिसाइल जो आंखों की नजरों से दूर 40-50 किलोमीटर दूर भी टारगेट को एंगेज यानि मार गिरा सकती है. इसमें खास ईडब्लू यानि इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर सूट होगा जिसके जरिए अगर तेजस पर दुश्मन की कोई मिसाइल लॉक होती है तो पॉयलट को कॉकपिट में लगे सेंसर से तुरंत पता चल जाएगा.
तेजस मार्क वन-ए में में रडार वॉर्निंग सिस्टम भी होगा यानि दुश्मन के रडार की पकड़ में आते ही पायलट को अलर्ट चला जाएगा. खास आइसा रडार लगी होंगी जो तेजस की क्षमताओं को और अधिक बढ़ा देंगी जिसके चलते तेजस जल्दी से दुश्मन की रडार पर इंटरसेप्ट नहीं हो सकेगा. माना जा रहा है कि जल्द ही वायुसेना तेजस के 83 मार्क वन-ए जेट्स का सौदा भी करने वाला है.