नई दिल्ली: लखनऊ-दिल्ली-लखनऊ के बीच तेजस एक्सप्रेस की केबिन होस्टेस परेशान हैं. इस परेशानी के पीछे की वजह ये है कि कुछ पैसेंजर्स हैं जो उनकी फोटो खींचते हैं, उनकी वीडियो बनाते हैं तो कोई फोन नंबर पूछता है. काले पीले रंग की तय पोशाक में देश की पहली ट्रेन होस्टेस वाली रेल की होस्टेस हमेशा मुस्कुराती रहती हैं.


511 किमी के सफर में ऐसे कई मौके अब तक आए हैं, जब ट्रेन में आते ही कुछ मुसाफिरों के हाथ मोबाइल पर वीडियो या सेल्फी बनाने के लिए चलने लगते हैं. चूंकि भारत में ये पहली बार है जब किसी रेल सेवा में हवाई सेवा की तरह होस्टेस तैनात की गई हैं. इसलिए यात्रियों में रेल होस्टेस के प्रति जिज्ञासा और आकर्षण नजर आता है. लेकिन इससे रेल होस्टेस को परेशानी हो रही हैं.


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तेजस एक्सप्रेस की रेल होस्टेस बताती हैं कि कभी भी सर्व कर रहे होते हैं तो मोबाइल ऊपर रखकर रखे होते हैं और वीडियो बनाते हैं. तेजस एक्सप्रेस के 14 कोच में 28 रेल होस्टेस रहती हैं. इनका काम हर यात्री को हवाई सेवा वाली एयर होस्टेस की तरह रेल में रेल होस्टेस के तौर पर सहायता देना है.


तेजस एक्सप्रेस में हर आधे घंटे में रेल होस्टेस और यात्रियों से उनके सफर, सेवा के बारे में फीडबैक लेने वाली मैनेजर के मुताबिक हर तरह से रेल होस्टेस तैयार रहती हैं. लेकिन कुछ यात्री रेल होस्टेस से उनका फोन नंबर पूछने लगते हैं. कुछ यात्री रेल होस्टेस से उनकी सैलरी के बारे में जानना चाहते हैं. कई यात्री रेल होस्टेस को बुलाकर मोबाइल से टिकटॉक के लिए वीडियो बनाते हैं तो कई अचानक फेसबुक लाइव करते हुए रेल होस्टेस को दिखाते हैं.


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सबसे ज्यादा दिक्कत कब होती है जब यात्री कॉल बटन दबाते हैं. ये बटन पहली बार रेल सेवा में जोड़ा गया है जो हवाई जहाज की सुविधा जैसा है. जैसे ही इस बटन को दबाया जाता है तो रेल होस्टेस यात्री की सीट पर आकर पूछती हैं, हम आपकी क्या मदद कर सकते हैं. लेकिन इसी बटन को कई यात्री बार-बार दबाते हैं. लेकिन रेल होस्टेस संयम से जवाब देती हैं.


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