नई दिल्ली: भारतीय रेल की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस शनिवार को पहली बार लेट हो गई. दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली ये ट्रेन शनिवार को अप और डाउन दोनों तरफ से लगभग 2 घंटे लेट रही. इस दौरान लखनऊ से दिल्ली आने वाली इस ट्रेन में 451 यात्री सवार थे और दिल्ली से लखनऊ जाने वाली ट्रेन में 500 यात्री थे.
अब इन सभी यात्रियों को 250 रुपये ट्रेन लेट होने के कारण हर्जाने के तौर पर मिलेगा. बता दें कि आईआरसीटीसी के नियमों के तहत तेजस के एक घंटे और उससे ज्यादा लेट होने पर यात्रियों को 100 रुपये और दो घंटे या उससे ज्यादा की देरी होने पर 250 रुपये मुआवजा दिया जाएग.
आईआरसीटीसी के एक अधिकारी के मुताबिक शनिवार को इस ट्रेन में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों के फोन पर एक लिंक भेजा गया है. इस लिंक पर क्लिक कर यात्री हर्जाने की रकम क्लेम कर सकते हैं. अधिकारी के मुताबिक जो यात्री हर्जाने की रकम क्लेम करेंगे उन्हें ही पैसे लौटाए जाएंगे.
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चार अक्टूबर से चल रही है दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस
तेजस एक्सप्रेस चार अक्टूबर से दिल्ली-लखनऊ के बीच चल रही है. यह ट्रेन लखनऊ और दिल्ली के बीच का रास्ता सवा छह घंटे में पूरे करती है. तेजस एक्सप्रेस लखनऊ से सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर चलती है और दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर दिल्ली पहुंचती है. इस ट्रेन का दिल्ली और लखनऊ के बीच कानपुर और गाजियाबाद में स्टोपेज है.
तेजस एक्सप्रेस में लखनऊ से नई दिल्ली की टिकट की कीमत एसी चेयर कार के लिए 1,125 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 2,310 रुपये होगी. लखनऊ से कानपुर के लिए एसी चेयर कार का टिकट 320 रुपये का होगा.
क्या है तेजस की खासियत
तेजस एक्सेप्रेस की औसत रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा है, जिसे 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाई जा सकती है. इस ट्रेन में मेट्रो की तरह ऑटोमैटिक डोर लगे हैं, जो स्टेशन आने पर अपने आप खुल जाते हैं. यात्रियों के सामने वाली सीट के पीछे विमानों की तरह स्क्रीन लगाई गई है, जिस पर यात्री अपनी पसंद का मनोरंजन चुन सकते हैं. इसमें यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा और अत्याधुनिक फायर अलार्म भी लगे हैं.
रेलवे ने 2016 में तेजस ट्रेन की घोषणा की थी और 2017 में पहली तेजस ट्रेन मुंबई से गोवा (सीएसटीएस से कर्माली) के बीच चलाई गई जो कि 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल रही है. इसमें हर सीट पर एलईडी स्क्रीन और ईयरफोन दिया गया है.
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