भारतीय वायुसेना में 42 लड़ाकू स्क्वाड्रन की अधिकृत क्षमता के मुकाबले वर्तमान में केवल 31 सक्रिय लड़ाकू स्क्वाड्रन मौजूद होने पर चिंता जाहिर करते हुए संसद की एक समिति ने रक्षा मंत्रालय से तेजस का उत्पादन बढ़ाने और अनुबंधित लड़ाकू विमानों की खरीद में तेजी लाने की सिफारिश की है. बीजेपी सांसद राधामोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा मंत्रालय संबंधी स्थायी समिति की 17 दिसंबर 2024 को संसद में पेश रिपोर्ट में इस मुद्दे पर गौर किया गया है.
समिति को बताया गया है कि भारतीय वायुसेना की अधिकृत क्षमता 42 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं, लेकिन इस समय इसके पास 31 सक्रिय लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं. वायुसेना के पास मिग 21, मिग 23 और मिग-27 समेत अन्य विमानों का पुराना बेड़ा भी है, जो जल्द ही सेवा से बाहर होने जा रहे हैं, जिससे बल की स्क्वाड्रन ताकत में तेजी से कमी आएगी.
रिपोर्ट के अनुसार, समिति को यह भी बताया गया है कि भारतीय वायुसेना को तेजस एमके 1 के दो स्क्वाड्रन प्राप्त हुए हैं और इनका उपयोग शुरू हो गया है और इसने हाल ही में संपन्न अंतरराष्ट्रीय अभ्यास तरंग शक्ति में भाग लिया था. समिति ने यह भी पाया कि तेजस एमके-1ए कार्यक्रम में डिजाइन और विकास संबंधी मुद्दों के कारण देरी हुई है. रक्षा मंत्रालय ने समिति को यह भी बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को तेजस का उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा गया है.
तेजस भारत का नवीनतम और हर मौसम में उपयोग में आने वाला लड़ाकू विमान है जिसे वायुसेना के लिए तैयार किया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने अतिरिक्त 97 हल्के लड़ाकू (LAC MKI -IA) विमानों की खरीद के मामले में भी प्रगति की है, जिसके लिए जरूरत की स्वीकार्यता (AON) का अनुमोदन किया गया है तथा प्रस्ताव के लिए आग्रह (आरएफपी) जारी किया जा चुका है.
समिति को बताया गया है कि इन अधिग्रहणों के साथ, भारतीय वायुसेना के पास 220 एलसीए एमके-I और एमके-Iए विमान होंगे. समिति ने मंत्रालय को सिफारिश की है कि वह तेजस का उत्पादन बढ़ाने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को संवेदनशील बनाए ताकि लड़ाकू विमानों के स्क्वाड्रन की संख्या में कमी के कारण वायु सेना की परिचालन भूमिका प्रभावित न हो.
वायुसेना में अधिकारियों की संख्या के विषय पर समिति को सूचित किया गया है कि 01 अक्टूबर 24 तक 12,929 पदों के मुकाबले 11,916 अधिकारी (मेडिकल/डेंटल शाखा को छोड़कर) कार्यरत थे, जो 1,013 की कमी को दर्शाता है. मंत्रालय ने बताया कि प्रवेश की योजनाओं को नया रूप दिया गया है ताकि धीरे-धीरे संख्या को स्वीकृत क्षमता के बराबर लाया जा सके.
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