(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
तेजस के नए अवतार ने यात्रियों का दिल जीता, चेयरकार की जगह अगरतला राजधानी में लगाए गए हैं तेजस के स्लीपर कोच
आमतौर पर तेजस का नाम सुनते ही दिल्ली-लखनऊ तेजस और मुंबई-अहमदाबाद तेजस ट्रेनों का ख्याल आता है. इन तेजस ट्रेनों में सिर्फ चेयरकार कोच ही लगे हैं. लेकिन अब रेलवे ने बर्थ वाले नए कोच लाकर यात्रियों का दिल जीत लिया है.
नई दिल्ली: अब रेल पटरी पर तेजस का नया अवतार आ गया है. जी हां, अगर आप तेजस ट्रेन का मतलब सिर्फ चेयर कार समझते हैं तो जान लीजिए कि अब तेजस अपने नए रूप में आ गई है जिसमें सोकर जाने के लिए आरामदेह बर्थ लगी है. यानी तेजस ट्रेनों की सुविधा अब बहुत लंबी दूरी की यात्रा में भी आपको मिल सकेगी. इस ट्रेन में करीब 23 ऐसी सुविधाएं दी गई हैं जिससे आपका 24 घंटे से भी अधिक लंबा सफर सुखद और यादगार बन सके.
तेजस और तेजस के नए अवतार में क्या फर्क है ? सामान्य तौर पर तेजस का नाम सुनते ही इन दो प्राइवेट ट्रेनों का ख्याल आता है जिसे आईआरसीटीसी चलाती है. दिल्ली-लखनऊ तेजस और मुंबई-अहमदाबाद तेजस. इन तेजस ट्रेनों में सिर्फ चेयरकार कोच ही लगे हैं. इनके किसी भी डिब्बे में लेटकर या सकर जाने के लिए बर्थ नहीं लगी है. इसीलिए इन तेजस ट्रेनों को आरामदेह तो माना गया लेकिन लम्बी दूरी की यात्रा में इनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था. लेकिन अब रेलवे ने बर्थ वाले नए कोच ला कर यात्रियों का दिल जीत लिया है.
अगरतला राजधानी से हुई है तेजस के नए स्लिपिंग कोच की शुरुआत तेजस को अधिकतर लोग एक ट्रेन के रूप में जानते हैं लेकिन दरअसल ये खास तकनीक से बने आधुनिक किस्म के रेल कोच का नाम है. तेजस कोच का इस्तेमाल आईआरसीटीसी के अलावा अब भारतीय रेल भी बड़े पैमाने पर करने जा रही है. नॉर्दन रेलवे के मुख्य प्रवक्ता दीपक कुमार ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि इनका इस्तेमाल फिलहाल राजधानी ट्रेनों में किया जाएगा. इनका पहला इस्तेमाल अगरतला राजधानी में शुरू किया गया है.
नए तेजस की 14 खास बातें इन नए किस्म के तेजस कोचों में करीब 23 ऐसी विशेषताएं और सुविधाएं दी गई हैं जिनसे यात्रियों को न सिर्फ आराम मिलेगा बल्कि सुरक्षा का अहसास भी बढ़ेगा. नॉर्दन रेलवे के मुख्य प्रवक्ता दीपक कुमार ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि इन कोचों में -
- चेयर कार की जगह बर्थ लगी है
- इसके सभी दरवाजा सेंट्रल लॉक सिस्टम से जुड़े हैं.
- चलती गाड़ी में दरवाज़े नहीं खुल सकते.
- ट्रेन के भीतर यात्रियों के लिए इनफ़ारमेशन डिस्प्ले लगाया गया है ताकि यात्री अपनी लाईव लोकेशन और अगले स्टेशन के बारे में सूचना पा सकें.
- पहली बार ट्रेन का सभी अंडर फ़्रेम स्टेनलेस स्टील का है.
- बायो वैक्यूम टॉईलेट सिस्टम लगा है
- पैसेंजर एनाउंसमेंट सिस्टम लगाया गया है
- यात्री भी इमरजेंसी में ट्रेन चालक से बात कर सकते हैं
- अत्याधुनिक पीकू सिस्टम लगा है जिससे ट्रेन की मौजूदा सुरक्षा और मेंटेनेंस के स्तर का पता चलता रहता है
- एयर क्वालिटी मेंटेनेंस सिस्टम लगा है
- हर बर्थ पर रीडिंग लाईट और चार्जर पोईँट दिया गया है.
- बड़ी शीशे वाली खिड़कियाँ और सुंदर इंटीरियर दिया गया है
- इसके सीसीटीवी में रात के अंधेरे में भी चेहरे की पहचान हो जाती है
- चेयर कार की 9 घंटे की यात्रा की जगह इन तेजस कोचों को 72 घंटे की यात्रा के लिए भी आरामदेह माना जा रहा है.
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