बिहार: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर काम नहीं करने को लेकर निशाना साधा, तो नीतीश ने कहा कि हम काम पर ध्यान देते हैं, पब्लिसिटी पर नहीं. तेजस्वी ने आज से बेरोज़गारी हटाओ यात्रा की शुरुआत की है. इस दौरान उन्होंने पटना में रैली की और नीतीश कुमार से सवाल पूछे. नीतीश ने भी किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन इशारों में विरोधयों को खूब सुनाया.


तेजस्वी यादव रैली के अलावा ट्विटर के ज़रिए भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. आज उन्होंने ट्वीट किया, "बिहार के 7 करोड़ युवा नीतीश जी से पूछ रहे है. 15 वर्षों में कितनी नौकरियों का सृजन किया? बिहार मे कितने करोड़ युवा बेरोज़गार हैं ? कुल कितने करोड़ बेरोज़गारों ने नौकरी के लिए रोज़गार कार्यालय में पंजीकरण करवाया है ? बिहार में बेरोज़गारी दर 11.47% क्यों है ?."


 





एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, "माननीय कोर्ट शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, जाम, जल जमाव, क़ानून व्यवस्था, अपराध, बलात्कार सहित तक़रीबन हर मुद्दे पर नीतीश सरकार को डांट लगा चुका है, लेकिन सुशासन बाबू को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता. सीएम आख़िर कब तक प्रचार के सहारे अपनी ख़ामियों को छुपाते रहेंगे."


नीतीश कुमार ने आज पटना के बापू सभागार में आयोजित सहकारिता महासम्मेलन में अपने काम का जिक्र करते हुए कहा कि हमलोग काम पर ध्यान देते हैं पब्लिसिटी पर नहीं. इस दौरान उन्होंने अपने काम भी गिनाए. उन्होंने कहा, "पहले बिहार में आपदा प्रबंधन की कोई व्यवस्था नहीं थी. हम लोगों ने सरकार में आने के बाद 2007 से आपदा प्रबंधन के लिए काम किया. एसओएस का गठन किया गया. वर्ष 2007 में बाढ़ से 22 जिले और ढाई करोड़ लोग प्रभावित हुए थे. सभी लोगों को अन्य सहायता के साथ-साथ एक-एक क्विंटल अनाज भी उपलब्ध कराया गया."


नीतीश ने कहा, "वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी में लोगों की सहायता की गई. 13 जुलाई 2019 को सभी दलों के विधायकों और विधान पार्षदों की संयुक्त बैठक में जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. हाल ही में 19 जनवरी 2020 को जल-जीवन-हरियाली अभियान के पक्ष में पर्यावरण संरक्षण के लिए बिहार के 5 करोड़ 18 लाख से अधिक लोगों ने 18 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी मानव श्रृंखला बनाई थी. बिहार में कई विशेष काम होते रहते हैं, जिनकी चर्चा भी होनी चाहिए. हम लोग काम पर ध्यान देते हैं, पब्लिसिटी पर नहीं."


मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोडमैप का निर्माण होने से बिहार में कई फसलों का उत्पादन बढ़ा है. गेहूं, चावल, मक्का, सब्जी एवं फलों का उत्पादन बढ़ रहा है. बिहार अनाज के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है. को-ऑपरेटिव सोसायटी को सुविधा हो तथा किसानों के कृषि उत्पाद को उचित लाभ मिल सके इसके लिए गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा गया. टोलों को भी पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है. गांव के अंदर पक्की गली-नाली का निर्माण किया जा रहा है. हर घर नल का जल पहुंचाया जा रहा है और इस वर्ष चुनाव के पूर्व ये सभी काम पूरे कर लिये जायेंगे. हर घर तक बिजली पहुंचा दी गई है.सारे जर्जर बिजली के तार बदल दिए गए हैं. खेती के लिए कृषि फीडर के माध्यम से हर इच्छुक किसान को कनेक्शन दिया जा रहा है. फसल बीमा की जगह फसल सहायता योजना चलायी गई है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि 2917 पैक्सों में कृषि संयंत्र खरीदने के लिए 15 लाख रुपए जेएम पोर्टल के माध्यम से भुगतान किए गए हैं. क्षेत्रीय सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए 5 प्रमंडलों एवं 17 जिलों में 22 सहकार भवन के लिए 56 करोड़ 35 लाख रुपये का आवंटन किया गया है.