(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अमिताभ कांत के बयान पर तेजस्वी का पलटवार, कहा- 10 साल से BJP का राज फिर बिहार कैसे पिछड़ा?
नीति आयोग देश के सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर सरकार को सलाह देने वाली संस्था है. पहले इसी का नाम योजना आयोग हुआ करता था.
नई दिल्ली: नीति आयोग के सीईओ ने देश के पिछड़ेपन को लेकर जो बयान दिया उस पर विरोधियों का हमला शुरू हो गया है. लालू यादव के बेटे और बिहार पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ने कहा कि पिछले करीब 10 साल से बिहार में बीजेपी का राज है तब भी ये राज्य पिछड़ा कैसे हुआ?
बीजेपी पर तेजस्वी का हमला अमिताभ कांत के बयान पर तेजस्वी यादव हमलावर हो गए हैं. तेजस्वी ने सवाल उठाया है कि बिहार में तो नीतीश का राज है. बीजेपी सरकार में रही है तो बिहार पिछड़ा क्यों रह गया? तेजस्वी ने ट्वीट किया, ''बिहार और बिहारी बराबर टैक्स देते हैं. राष्ट्र निर्माण में बराबर हिस्सेदारी रखते हैं. एनडीए को बिहार ने 33 सांसद दिए हैं. सात केंद्रीय मंत्री बिहार से आते हैं. केंद्र और बिहार एक ही गठबंधन की सरकार है. फिर बाबू (अफसर) कहते हैं कि बिहार पिछड़ा हुआ है जो कि 10 साल से बीजेपी शासित है.
Bihar & Bihari’s pay equal taxes, contribute equally or more in governance & Nation building. Bihar gave 33 MPs to NDA, 7 Union Ministers r frm Bihar, both State & Centre govts are of same party nd alliance But still these Babu’s says Bihar is backward.BJP ruling state for 10yrs https://t.co/Ii9pxjt4Xt
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 24, 2018
क्या कहा था अमिताभ कांत ने ? जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में प्रथम अब्दुल गफ्फार खान स्मारक व्याख्यान के दौरान कांत ने कहा, ‘‘बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों के कारण भारत पिछड़ा बना हुआ है और खासकर सामाजिक संकेतकों पर. जहां व्यापार में आसानी के मामले में हमने तेजी से सुधार किया है वहीं मानव विकास सूचकांक में हम अब भी पिछड़े हैं. मानव विकास सूचकांक में हम अब भी 188 देशों में 133 वें पायदान पर हैं. ’’
चैलेंजेज ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया के मुद्दे पर कांत ने कहा कि देश के दक्षिणी और पश्चिमी राज्य बहुत अच्छा कर रहे हैं और तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मानव विकास सूचकांक में बेहतर करने के लिए हमें सामाजिक संकेतकों पर गौर करना होगा. हम आकांक्षा जिला कार्यक्रम के जरिये इन चीजों पर काम कर रहे हैं.