पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में दो राय सामने आ गई है. युवा नेता और लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव नीतीश को अकेले चुनाव लड़ने की चुनौती दे रहे हैं तो वहीं आरजेडी के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह नीतीश को साथ लाने की बात कह रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि वह हमेशा हमें गठबंधन दलों और BJP को धोखा दिया है. कुर्सी ही उनका पहला और अंतिम विचार है.


तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, ''आदरणीय नीतीश कुमार जी की नीति, सिद्धांत और विचारधारा नहीं है. हमेशा ज़ुबानी ख़र्च में कहते रहे कि हम ट्रिपल तलाक़ और 370 का विरोध करेंगे लेकिन संसद में वोटिंग के समय BJP की मदद करी. उन्होंने सदैव हमें, गठबंधन दलों और BJP को धोखा दिया है. कुर्सी ही उनका पहला और अंतिम विचार है.''


उन्होंने कहा, ''माननीय नीतीश कुमार जी की अपनी कोई ताक़त नहीं. आजतक ना कभी अकेले चुनाव लड़ा और ना 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद अकेले लड़ने की क्षमता है.''


तेजस्वी ने कहा कि बिहार के हर दल के साथ समय-समय पर उन्होंने गठबंधन किया है और सभी के साथ हमेशा उन्होंने ही गठबंधन तोड़ विश्वासघात किया है और ऐसा करते रहेंगे.


वहीं इस मामले को लेकर जबकि रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश अगर बीजेपी से अलग होते हैं तो इस मामले पर ज़रूर बात होगी. रघुवंश प्रसाद ने कहा कि "गैर बीजेपी एकजुट होगा तभी हम बीजेपी को पछाड़ सकते हैं.''


नीतीश कुमार से बातचीत पर उन्होंने कहा, ''हम उनसे बात करने वालों में नही बल्कि हम लड़ने वालों में है. जहां तक जेडीयू की बात है तो इसपर जेडीयू ही बता सकता है हमारी चाहत है कि गैर बीजेपी जो भी दल है वो साथ आएं. अभी नीतीश जी बीजेपी के पिछलग्गू बने हुए हैं अगर वो वहां से अलग होकर आते हैं तो हम इसपर विचार करेंगे. पहले उनको बीजेपी से अलग होना होगा तभी कुछ विचार किया जा सकता है.''


आरजेडी में दो धाराएं एक साथ चल रही है. कयास ये लगाए जा रहे हैं कि आरजेडी के कई नेता जेडीयू नेताओं के संपर्क में है. वहीं तेजस्वी कई मुकदमो में फंसे हैं और वो बीजेपी से ज़्यादा नीतीश पर हमलावर हैं.


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