तेलंगाना: कांग्रेस नेता का दावा- विधानसभा चुनाव के बाद हाथ मिला सकते हैं टीआरएस-बीजेपी
उन्होंने कहा, ''इसकी शत प्रतिशत संभावना है क्योंकि इस बार केसीआर के 50 फीसदी सीट पाने की कोई गुंजाइश नहीं है और तेलंगाना में बीजेपी भी अपने बूते छह-सात सीटें हासिल कर सकती है.
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एस जयपाल रेड्डी ने तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और बीजेपी के बीच अंदरखाने बहुत कुछ होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां विधानसभा चुनाव के बाद एक दूसरे से हाथ मिला सकती हैं. चुनावी राज्य तेलंगाना में रेड्डी को कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेताओं में एक माना जा रहा है. हालांकि उन्होंने साफ-साफ कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि अब उनकी उम्र ज्यादा हो गई है और वह विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस के पक्ष में अंदरूनी लहर है.
दरअसल, कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी), तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) और सीपीआई ने सात दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन करने का फैसला किया है. वे फिलहाल सीटों के बंटवारे पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली पार्टी टीडीपी के साथ गठबंधन की बात स्पष्ट हो चुकी है. साथ ही, सीपीआई और टीजेएस के साथ वार्ता चल रही है. रेड्डी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और के. चंद्रशेखर राव के बीच पहले से ही तालमेल है.
यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव के बाद टीआरएस और बीजेपी के आपस में हाथ मिलाने की संभावना है, उन्होंने कहा, ''इसकी शत प्रतिशत संभावना है क्योंकि इस बार केसीआर के 50 फीसदी सीट पाने की कोई गुंजाइश नहीं है और तेलंगाना में बीजेपी भी अपने बूते छह-सात सीटें हासिल कर सकती है. वह (केसीआर) बीजेपी और एआईएमआईएम दोनों के पास जा सकते हैं.''
हालांकि, रेड्डी ने कहा कि ऐसी नौबत नहीं आएगी क्योंकि कांग्रेस सरकार गठन के लिए आवश्यक सीटें हासिल कर लेगी. राव द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 'मसखरा' कहे जाने पर रेड्डी ने कहा कि इस तरह का शब्द इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री यह साबित करना चाहते हैं कि उनमें बहुत आत्मविश्वास है, जबकि ऐसा है नहीं. रेड्डी ने कहा, ''मेरा मानना है कि राव को घबराहट हो रही है. मैं नहीं मानता हूं कि वह चुनाव जल्द कराने के फैसले से खुश हैं.''
उनसे जब पूछा गया कि क्या असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम कांग्रेस के वोट में सेंध लगाएगी. इस पर उन्होंने कहा कि पुराने हैदराबाद शहर में ओवैसी ऐसा कर सकते हैं लेकिन वह ग्रामीण क्षेत्रों या नए हैदराबाद शहर में ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि वहां कांग्रेस का जनाधार मजबूत है.
एस जयपाल रेड्डी ने कहा, ''मुझे पूरा भरोसा है कि तेलंगाना में कांग्रेस नीत गठबंधन चुनाव जीतेगा. केसीआर नीत सरकार के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर है.'' कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किए जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान ने राज्यवार रणनीति अपनाई है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना में इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि लोग केसीआर के खिलाफ वोट डालेंगे.
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रेड्डी ने कहा कि केसीआर ने अवास्तविक वादे किए थे, जैसे कि हर किसी को दो शयनकक्ष वाला मकान देना, एससी/एसटी समुदाय के प्रत्येक परिवार को तीन एकड़ जमीन देना, सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में मुसलमानों को 12 फीसदी आरक्षण आदि. लोगों ने इसे गंभीरता से लिया और केसीआर की जीत हुई थी.
रेड्डी ने दावा किया कि केसीआर और उनका परिवार भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है. उन्होंने कहा कि उनके मुताबिक कांग्रेस को करीब 70 सीटें मिलेंगी. तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 सीटें हैं.
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