Caste Survey Resolution: कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल पूरे देश में जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. इस बीच तेलंगाना विधानसभा ने राज्य में घर-घर जाकर जातिगत सर्वेक्षण करने को लेकर शुक्रवार (16 फरवरी, 2024) को प्रस्ताव पारित किया. 


प्रस्ताव में बताया गया कि जातिगत सर्वे का उद्देश्य पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों और अन्य कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं तैयार करना और उन्हें लागू करना है. 


तेलंगाना सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर की ओर से सदन में प्रस्ताव पेश किया गया और बहस के बाद इस पर सहमति बनी. यह प्रस्ताव हाल ही में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक के निर्णय के तहत पारित किया गया है.


मुख्यमंत्री ने क्या कहा? 
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास समाज के कमजोर वर्ग के लिए काम करना रहा है. कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए-1 सरकार ने जस्टिस राजिंदर सच्चर  की अध्यक्षता में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिण्क स्थिति का अध्ययन करने के लिए कमेटी गठित की थी. हमारा उद्देश्य डाटा जमा करके इसके तहत सभी का विकास करना है. 


ये ऐसे समय पर सामने आ रहा है जब आए दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश में जातिगत जनगणना की मांग कराते हुए केंद्र की मोदी सरकार को घेर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में कहा था कि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनती है तो आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटा देंगे और देश में जाति आधारित जनगणना होगी. साथ ही अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने की संभावना है.  


राहुल गांधी ने किया था वादा 
राहुल गांधी ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार के दौरान वादा किया था कि राज्य में सत्ता में आने के बाद हम जातिगत सर्वे कराएंगे. उन्होंने इस दौरान कहा था कि ये तेलंगाना का एक्स-रे होगा. बता दें कि बिहार में इससे पहले जातिगत सर्वेक्षण हो चुका है. 


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