Telangana CM KCR Speech: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने गुरुवार (15 जून) को महाराष्ट्र के नागपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कई जमीनी मुद्दों पर बात की. उन्होंने कहा कि वह किसी एक पार्टी की आलोचना नहीं करना चाहते हैं लेकिन परिस्थितियों को समझाने की बात करते हैं. 


केसीआर ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पानी और बिजली का मुद्दा उठाया. उन्होंने देश के दलितों और आदिवासियों की बात की. तेलंगाना के सीएम ने कहा, ''देश की राजधानी दिल्ली में आजादी के 75 साल बाद भी पानी की किल्लत है. दिल्ली देश की राजधानी है. दिल्ली में पानी नहीं है और बिजली की भी कटौती होती है. कई लोग वहां पानी के लिए टैंकर खरीदते हैं. आखिर वजह क्या है इसकी?''


केसीआर बोले अब किसान संसद में जाएंगे


मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा, ''देश में अब किसान अपनी सरकार बनाएंगे.'' उन्होंने कहा, ''किसानों ने अब तक बहुत लोगों को संसद में भेजा है, खुद आंदोलन किया है. अब किसान संसद में जाएंगे.'' उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ''भारत में लक्ष्य केवल चुनाव जीतना रह गया है.'' उन्होंने कहा, ''दंगा-फसाद करो, शराब बांटों लेकिन लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतना ही रह गया है.'' केसीआर ने कहा, ''जनता आंदोलन करके थक चुकी है. बीआरएस एक मिशन है जिसे पूरे भारत को सुधारना है.''


गरीबों, दलितों और आदिवासियों पर KCR ने ये कहा


उन्होंने कहा, ''समय के बुद्धिजीवी होते हैं जैसे बाबा साहेब आंबेडकर थे हमारे यहां, उनके नेतृत्व में एक संविधान बना, कानून-कायदा बना दिया, देश चल पड़ा. चलते-चलते अनुभव कुछ और मिलते हैं. जब लिखके चलते हैं, कानून बनाकर चलते हैं, रास्ता बनाकर चलते हैं. जब चल पड़े तो अनुभव कुछ और बताता है, उसके मुताबिक काम होता है और एक दो दशक, अधिकतम तीन दशक के अंदर पूरा सेट होता है.''


सीएम ने कहा, ''हमारे पास 75 साल गुजर गए, अब भी कोई सेटल नहीं. किसान रो रहा है, आत्महत्या कर रहा है आखिरकार. फिर कौन सुख से है. शोषित-पीड़ित, वंचित जो लोग हैं. आज हमारे देश में दलितों की स्थिति क्या है, मैं एक शब्द में कहता हूं, दलितों की गरीबी और दलितों के साथ अन्याय, जब तक नहीं रुकेगा, हमारे चेहरे से वो धब्बा नहीं जाएगा. 100 फीसदी मेरी बात आप मान लीजिए.''


केसीआर ने बराक ओबामा का नाम लेते हुए दिया उदाहरण


केसीआर ने कहा, ''अमेरिका जैसे देश में जहां वहां के मूल निवासियों को श्वेत जाति वालों की ओर से काफी सताया गया था. उनके ऊपर काफी आत्याचार किया गया था लेकिन अमेरिका जैसा देश में भी चेतना जाग गई. बराक ओबामा को अमेरिका का राष्ट्रपति बनाकर अमेरिका ने अपने पापों को धोया है. ऐसे ही हमारे पास जब तक हमारे दलित शोषित-पीड़ित, वंचित रहेंगे, तब तक हम सुकून से नींद नहीं ले पाएंगे.''


उन्होंने कहा, ''ठीक है हमारे घर में भरपूर खाना है लेकिन बगल के घर अगर उन लोगों का उपवास है तो हमको क्या लगता है. ऐसी ही स्थिति हमारे दलित समाज की है. किसी ने किसी तरह से इसको सुधारना चाहिए, इसका उद्धार होना चाहिए.''






बस यही ड्रामा चलता रहेगा- केसीआर


ऐसी ही आदिवासी कब तक लड़ेंगे अपने अधिकारों के लिए, वो लगातार लड़ रहे हैं आजादी के दिन से आजतक. समस्या मिटती ही नहीं. बुद्धिजीवियों की कमी नहीं है... पार्टियों की कमी नहीं, हार-जीत की कमी नहीं, फिर क्यों समाधान नहीं निकलता? ये बुनियादी बातें सोचने की बातें हैं. खास तौर पर यहां के बुद्धिजीवियों से, युवा से मैं हाथ जोड़कर सभी को प्रणाम करके विनम्र निवेदन करता हूं, वक्त आया है, अभी हमको जागरूक होना जरूरी है, बहुत जरूरी है और जब तक ये देश नहीं बदलेगा, देश की विचारधारा नहीं बदलेगी, कुछ नहीं होने वाला है. सिर्फ चुनाव आएंगे, कोई पार्टी हारेगी, कोई पार्टी जीतेगी, बस यही ड्रामा चलता रहेगा.''


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