हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को बीजेपी विरोधी मंच का एलान किया है. तेलंगाना इस मंच का बेस होगा. इस बाबत दिसंबर में के चंद्रशेखर राव ने बीजेपी विरोधी नेताओं और पार्टियों की बैठक बुलाई है.
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को हैदराबाद में हुई टीआरएस संसदीय और विधानमंडल दल की बैठक में यह संकेत दिया और सांसदों, विधायकों, एमएलसी को भी बताया कि विरोधी दलों के नेता आज केसीआर कि ओर देख रहे हैं जो कि बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं.
यही कारण है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी के प्रमुख केसीआर ने आज ये बहुत बड़ा एलान किया. बैठक में उन्होंने एलान किया कि केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ वे मोर्चा खोलेंगे. सारे विपक्षी पार्टियों को एकत्रित कर हैदराबाद में बड़ी कॉन्क्लेव करेंगे और मोदी सरकार के जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ेंगे.
इस बैठक में शरद पवार, ममता बनर्जी, कुमारस्वामी, अखिलेश यादव, मायावती, प्रकाश सिंह बादल, नवीन पटनायक और स्टालिन सहित कई और राजनीतिक दलों के प्रमुख हिस्सा ले सकते हैं जो कि मिलकर बीजेपी विरोधी मंच पर चर्चा कर रणनीति बनाएंगे. केसीआर ने इस बैठक में यह भी कहा कि जिस कांग्रेस से उम्मीद की जा रही थी कि वह बीजेपी के खिलाफ टक्कर लेने में कामयाब होगी, वह बुरी तरह फेल रही. इस कारण अब अन्य दलों पर भी इसका असर पड़ा है. ऐसे में टीआरएस इसकी शुरुआत करेगी.
आज की बैठक में केसीआर ने केंद्र में बीजेपी सरकार की नीतियों की कठोर रूप से आलोचना की और उन्होंने अर्थव्यवस्था को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी की सरकार बनी रहती है तो देश की अर्थव्यवस्था को और नुकसान होगा. यह छोटे देशों से भी नीचे आ सकती है. उन्होंने बीजेपी पर राजनीतिक लाभ के लिए देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आरोप लगाया. साथ ही यह भी कहा कि बीजेपी ने किसानों और मजदूर वर्ग को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है और देश में कई संस्थाएं कुशासन के कारण ध्वस्त होने के कगार पर हैं.
इसके अलावा मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि टीआरएस जीएचएमसी चुनावों में 100 से अधिक सीटें जीतेगी और सभी सर्वेक्षणों ने भी यही संकेत दिया है. उन्होंने सांसदों, विधायकों को विभिन्न डिवीजनों के प्रभार देने के लिए कहा ताकि वे तुरंत चुनाव प्रचार शुरू कर सकें और बीजेपी के आरोपों का मुकाबला कर सकें.
बता दें कि हाल ही में तेलंगाना में उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी टीआरएस को बड़ा झटका लगा था. यहां दुब्बका सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की है. यह सीट टीआरएस के मौजूदा विधायक सोलीपेटा रामलिंगा रेड्डी के निधन के बाद खाली हुई थी. टीआरएस ने उनकी पत्नी सोलीपेटा सुजाता को उम्मीदवार बनाया था. जबकि बीजेपी की ओर से एम रघुनंदन राव मैदान में थे.
चुनाव दर चुनाव बीजेपी के प्रदर्शन को देखते हुए यह ज़रूर कहा जा सकता है कि राज्य में बीजेपी टीआरएस के सामने विपक्ष के तौर पर उभर रही है. लगातार बढ़ रहे वोट प्रतिशत को देखते हुए अब केसीआर बीजेपी को कोई भी मौका नहीं देना चाहते.
यही कारण है कि अब तीसरे मोर्चे का सहारा लेकर वे मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं कि 2019 में कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी बीजेपी विरोधी नेताओं का जमावड़ा देखा गया था, तब भी बीजेपी के खिलाफ तीसरे मोर्चे की बात शुरू हुई थी लेकिन सफल नहीं रही. ऐसे में अब केसीआर द्वारा शुरू किया जा रहा बीजेपी विरोधी मंच कितना सफल हो पाता है यह देखना दिलचस्प होगा.
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