नई दिल्लीः देश के दक्षिणी राज्यों में ईसाई मिशनरी काफी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. जिसके परिणाम यह है कि दक्षिण भारत के कई राज्यों में धर्म परिवर्तन की खबरें लगातार सामने आती रहती हैं. यहां पर दलित वर्ग के लोग अपने जीवन को मुश्किलों से निकालने और मिशनरी की ओर से दिए जा रहे लाभों का फायदा लेने के लिए ईसाई धर्म अपना रहे हैं.
तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार के जरिए हिंदू दलित लोगों की रक्षा करने में असफल रहने के कारण ही वह ईसाई धर्म अपना रहे हैं. इसके साथ ही उनका कहना है कि दलित होने के कारण उन्हें सम्मान से वंचित रखा जा रहा है.
तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव का कहना है, 'यदि दलित ईसाई धर्म अपना रहे हैं, तो यह हमारी गलती है कि हम उनकी रक्षा करने में असमर्थ हैं. जब वे ईसाई धर्म अपनाते हैं, तो उन्हें वो सम्मान मिलता है जो उन्हें दलित होते हुए नहीं मिलता. मैं एक हिंदू हूं और मुझे बुरा लगता है जब मैं देखता हूं कि दलित अभी भी गरीबी के कारण पीड़ित हैं.'
पुलिस थाने में हुई थी दलित महिला की मौत
बता दें कि हाल ही में तेलंगाना के कोमाटलागुडेम गांव की एक दलित महिला की अडागुदुर पुलिस थाने में पिटाई के बाद मौत हो गई. महिला अडागुदुर के एक घर में नौकरानी का काम करती थी. जिसे कुछ दिन पहले दर्ज की गई चोरी की रिपोर्ट के बाद 16 जून को उनके बेटे उदय के साथ उनके घर से ले जाया गया था. उनकी बेटी स्वप्ना की रिपोर्ट के अनुसार महिला को पुलिस कस्टडी में काफी बूरी तरह पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई.
इस मामले पर कांग्रेस विधायक दल (CLP) के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा था, 'क्या मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को इस तथ्य की जानकारी थी कि राज्य के अडागुदुर पुलिस थाने में एक दलित महिला की मौत हो गई और उसके बेटे को अडागुदुर पुलिस ने बुरी तरह पीटा?'
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