KCR Slams Central Government: लॉ कमीशन ने एक बार फिर से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचार मांगे हैं. यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर हुए इस फैसले पर सियासत तेज हो गई है. सियासी दलों ने इसे लोकसभा चुनाव 2024 से पहले वोटों के ध्रुवीकरण से जोड़ते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. 


इस बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने गुरुवार (15 जून) को केंद्र सरकार पर राजनीति में धार्मिक लोगों को शामिल करने का आरोप लगाया. केसीआर ने यूसीसी से जुड़े सवाल पर कहा कि वो (केंद्र सरकार) राजनीति में कहां से धर्मगुरुओं को ला रहे हैं? 


धर्मगुरुओं का काम है मठ चलाना- केसीआर
केसीआर ने कहा कि धर्मगुरुओं को मठ चलाने चाहिए और पूजा-पाठ करना चाहिए. वो (सत्ताधारी पार्टी) इसमें घुसपैठ कर हंगामा कर रहे हैं. तेलंगाना के सीएम केसीआर का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब लॉ कमीशन यानी विधि आयोग ने यूसीसी को लेकर फिर से तमाम हितधारकों के विचार मांगे हैं.


21वें लॉ कमीशन ने दी थी क्या सलाह?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 21वें विधि आयोग (अगस्त 2018 में कार्यकाल खत्म हो गया था) ने समान नागरिक संहिता पर दो बार संबंधित लोगों की रायशुमारी की थी. इसके बाद आयोग ने पारिवारिक कानूनों में बदलाव की संस्तुति की थी. इसी संस्तुति पर अब 22वें विधि आयोग ने कदम बढ़ाते हुए हितधारकों से उनके विचार मांगे हैं.


क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत देश के सभी नागरिकों के लिए एक जैसे कानून होंगे, वो धर्म या जाति पर आधारित नहीं होंगे. उदाहरण के तौर शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में पर्सनल लॉ जैसी चीजों की जगह समान नागरिक संहिता ही काम करेगी.


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