Kavitha On Congress: ‘कांग्रेस का कोई फ्रंट नहीं, खाली तंबू है’, केसीआर की बेटी कविता ने कहा- देश में सिर्फ एक ही फ्रंट है बीजेपी
Kavith Maharashtra Visit: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस लोकसभा चुनाव में जमीन तलाशने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. उनकी बेटी कविता महाराष्ट्र पहुंची.
Kavitha Attack On Congress: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपने पत्ते बिछाने शुरू कर दिए हैं और मुलाकातों का दौर जारी है. बीते दिन शुक्रवार (24 फरवरी) को आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुंबई में मातोश्री में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी थे. तो वहीं, कांग्रेस भी विपक्षी पार्टियों को साथ लाने की कोशिश कर रही है.
इसी क्रम में अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता कलवकुंतला कविता ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. दरअसल, कविता मुंबई पहुंची थीं जहां पर उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर फूल अर्पण किए और सिर झुकाकर अभिवादन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके पिता के चंद्रशेखर राव बीजेपी का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ एक मजबूत मोर्चा बनाने के लिए काम कर रहे हैं.
क्या बोलीं कविता?
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘उनकी पार्टी बीआरएस के उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ काफी अच्छे रिश्ते हैं.’ इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, ‘देश में एक ही फ्रंट है बीजेपी, दूसरा फ्रंट कांग्रेस बिल्कुल खाली है, वहां टेंट नहीं है, फ्रंट नहीं है, कुछ नहीं है. जो भी विकल्प बनेगा वही दूसरा फ्रंट होगा. वही बीजेपी को चुनौती देगा. केसीआर साहब पिछले कई सालों से इसी कोशिश में लगे हुए हैं, जितनी भी क्षेत्रीय पार्टियां हैं, उनको साथ लेकर चलने के लिए वे कोशिश कर रहे हैं. आगे चलकर ये प्रयास जारी रहेंगे, हम महाराष्ट्र आते जाते रहेंगे.’
केसीआर की कोशिश
पिछले कुछ महीने से तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की रुचि महाराष्ट्र में काफी बढ़ी है. कुछ दिनों पहले उन्होंने नांदेड़ में एक बड़ी सभा को संबोधित किया था. यह कोई ढंकी-छुपी बात नहीं है कि वे लगातार बीजेपी के खिलाफ एक गैर कांग्रेसी गठबंधन की तैयारियां कर रहे हैं. यह भी कोई छुपी हुई बात नहीं है कि अब वे अपने राज्य की बागडोर अपने बेटे के टी रामाराव (केटीआर) के हाथ में सौंप कर राष्ट्रीय मंच पर कोई बड़ी भूमिका तलाश रहे हैं.