CPI On Governor And TRS Dispute: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय सचिव के नारायण ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर हमला किया और सभी राज्यों से राज्यपालों को हटाने का आह्वान किया. भाकपा नेता ने कहा, "राज्यपाल प्रणाली हमारे देश के लिए उपयोगी नहीं है." के नारायण ने कहा कि गैर-भाजपा के नेतृत्व वाले राज्यों में राज्यपाल राज्य सरकारों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं- पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और नवीनतम तेलंगाना सभी उदाहरण हैं. 


'राज्यपालों को हटाने की मांग करते हैं'


के नारायण यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, "राज्यपाल को इन सरकारों को परेशान करने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है. राज्यपालों को संविधान के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए. राज्यपालों को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. हम सभी राज्यपालों को हटाने की मांग करते हैं." बता दें कि तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने बुधवार (9 नवंबर) को राज्य में टीआरएस सरकार की खिंचाई करते हुए कहा था कि "उन्हें संदेह है कि उनका फोन टैप किया जा रहा है."


राज्यपाल ने लगाए गंभीर आरोप


राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा, "एक टेप मामले में, वे (राज्य सरकार) राजभवन को घसीटना चाहते थे और तुषार का उल्लेख किया. तुषार मेरे एडीसी थे. मुझे संदेह है कि मेरा फोन टैप किया जा रहा है ... तुषार ने मुझे दो दिन पहले दिवाली की शुभकामनाएं दीं. उसके बाद ही उन्होंने तुषार का जिक्र किया..." 


पीएम मोदी के दौरे पर क्या बोले सीपीआई नेता


तेलंगाना के राज्यपाल और राज्य में केसीआर सरकार कुछ मुद्दों पर आमने-सामने हैं. हालांकि, पीएम मोदी की रामागुंडम यात्रा पर के नारायण ने कहा, "पीएम मोदी 12 तारीख को रामागुंडम का दौरा कर रहे हैं. तेलंगाना में वे हर चीज का निजीकरण कर रहे हैं और राज्यों को अलग करने के दौरान किए गए वादे को लागू नहीं कर रहे हैं. लोग अपना गुस्सा दिखाएंगे. काले झंडे दिखाकर... हम सभी राजनीतिक दलों से मिलकर एक एक्शन कमेटी का आयोजन कर रहे हैं."


'हम बीजेपी विरोधी को एक मंच पर लाएंगे'


इस महीने की शुरुआत में हुए मुनुगोड़े उपचुनाव में टीआरएस के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "बीजेपी का सबसे सांप्रदायिक और अलोकतांत्रिक शासन है. वे यहां अप्राकृतिक उपचुनाव के लिए आए थे. हम उन्हें सबक सिखाना चाहते थे. हमने अपनी ताकत देखी और अन्य धर्मनिरपेक्ष ताकतों के साथ शामिल हुए. हम टीआरएस के साथ जुड़ गए, क्योंकि यह एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. टीआरएस में शामिल होने का हमारा निर्णय चुनाव परिणामों से सही साबित हुआ. कांग्रेस तो बीजेपी के खिलाफ लड़ने में असमर्थ है. तीसरे मोर्चे का कोई सवाल ही नहीं है. जो भी बीजेपी के खिलाफ है, हम उन्हें लामबंद करेंगे. हम सिर्फ बीजेपी विरोधी को एक मंच पर लाना चाहते हैं."


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