निजामाबादः देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इनसे कई लोगों की मौत भी हो रही है. इनके साथ ही कई बार कोरोना संक्रमित मृतकों के शवों को लेकर अस्पतालों में लापरवाही के मामले भी सामने आ चुके हैं. ऐसा ही एक मामला तेलंगाना में आया है, जहां एक कोरोना मृतक के शव को अंतिम संस्कार के लिए ऑटो में रखकर ले जाया गया, जो इससे जुड़े प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.
मृतक के परिजनों ने नहीं किया इंतजारः अस्पताल
तेलंगाना के निजामाबाद में शनिवार को लोगों सड़क पर एक पीले रंग का ऑटो दिखा, जिसमें नीले रंग के कपड़े में एक शव रखा हुआ था. ये शव ऑटो के दोनों हिस्सों से बाहर निकला हुआ था. दरअसल, ये शव एक कोरोना संक्रमित मृतक का था.
ये तस्वीर वायरल हो गई और अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगने लगे.
इस फोटो के सामने आने के बाद निजामाबाद के सरकारी अस्पताल ने अपनी ओर से सफाई जारी की. अस्पताल ने कहा कि मरीज के परिजन ने एंबुलेंस का इंतजार नहीं किया.
अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर एन राव ने कहा, “मृतक का रिश्तेदार अस्पताल में ही काम करता है और उसने शव मांगा. उसने एंबुलेंस का इंतजार ही नहीं किया.”
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
इस पूरे मामले में चिंताजनक बात ये है कि जिस ऑटो में इस शव को रखकर ले जाया गया, उसके ड्राइवर और मृतक के रिश्तेदार ने पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई किट) नहीं पहना था, जो सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन है. किसी भी कोरोना मृतक के अंतिम क्रियाकर्म में शामिल लोगों का पीपीई किट पहनना प्रोटोकॉल का हिस्सा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सी नारायण रेड्डी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और शव को ले जाने वाले अस्पताल के कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया है.
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