हैदराबाद/ नई दिल्ली: एमआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई और पार्टी के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. अकबरुद्दीन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री से गले मिलने पर आपत्तिजनक शब्दों के साथ सवाल खड़ा करते हुए पीएम मोदी को अपने निशाने पर लिया. अकबरुद्दीन ने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा कि वो उनसे कैसे गले मिल सकते हैं जिनको उनकी मां सोनिया गांधी ने मौत का सौदागर कहा था. इसके साथ ही अकबरुद्दीन ने राहुल से पूछा कि क्या वे कभी 2002 के दंगे में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की बेवा से मिले?


अकबरुद्दीन ने सोमवार को अपनी पार्टी के गढ़ हैदराबाद में अपने कार्यकर्ताओं से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तुम जैसे शब्द का इस्तेमाल भी किया. राहुल के बहाने मोदी पर हमला करने वाले अकबरुद्दीन ने कहा, "राहुल गांधी उनसे कैसे गले मिल सकता है जिनको उनकी मां ने मौत का सौदागर कहा था, उनसे कैसे गले मिल सकते हो जिन्होंने तुम्हे गंदे नाली का कीड़ा कहा था, उनसे गले मिलकर तुम्हें कैसा लगा, जिनके कपड़ों में मुसलमानों के कत्ल के धब्बे लगे हैं, उनसे गले कैसे मिल सकते हो? कांगेस के गुलामों को इनका जवाब देना होगा.''


आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मानसून सत्र के दौरान लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपना भाषण खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट के पास और ये कहते हुए उन्हें गले लगाया था कि मोदी को लेकर उनके दिल में थोड़ी भी नफरत नहीं है. इस गले मिलने की मीडिया में खूब चर्चाएं हुई थी.


राहुल के साथ मोदी को अपना निशाना बनाते हुए सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ने कहा, ''नरेंद्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास का नारा दिया था. तुमने किसका साथ दिया था? तुमने तो सिर्फ गौरक्षकों का साथ दिया, तुमने लव जिहादियों का साथ दिया, तुमने उनका साथ क्यों नहीं दिया जिनको (अखलाक,...) गौरक्षकों या भीड़तंत्र ने हत्या कर दी. मोदीजी गौ रक्षा की बात करते हैं जबकि मोदीजी के शासन में विश्व में सबसे ज्यादा बीफ का एक्सपोर्ट हुआ है.''


तेलंगाना से विधायक अकबरुद्दीन ने कहा कि क्या देखकर नरेंद्र मोदी को 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया, उनमें क्या खासियत थी. उनको सिर्फ 2002 की महारत हासिल थी. उसी के बलबूते पर 2014 में प्रधानमंत्री बने थे.


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बयान के पीछे की राजनीति


याद रहे कि तेलंगाना में 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में अकबरुद्दीन के ताजा भड़काऊ बयान को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल, देश में ऐसा माहौल है कि जब चुनाव के दिन करीब आते हैं, वोट की खातिर राजनीतिक पार्टियां और बड़े से छोटे नेता ऐसे बयान और काम करते हैं जिनसे वोटरों का ध्रुवीकरण हो, सांप्रदायिक माहौल बिगड़े, ताकि वोटों की फसल काम की बुनियाद पर नहीं, बल्कि सांप्रदयिक आधार पर आसानी से काटी जा सके. अकबरुद्दीन ओवैसी हमेशा भड़काऊ भाषण देने के लिए जाने जाते हैं. इस तरह के एक मामले में वो एक बार जेल भी जा चुके हैं.


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