Telangana Election 2023: तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) को बड़ा झटका दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गुरुवार (28 सितंबर) को बीआरएस नेता मयनामपल्ली हनुमंत राव और वेमुला वीरेशम दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की उपस्थिति में उनके आवास पर पार्टी में शामिल हो गए.
हनुमंत राव के बेटे ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. इस तरह बीआरएस के तीन नेता कांग्रेस में चले गए. राव मल्काजगिरी से मौजूदा विधायक हैं, वहीं वीरेशम पूर्व विधायक हैं. इन नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के दौरान तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी भी मौजूद थे.
तेलंगाना में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. कांग्रेस दक्षिणी राज्य में के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (BRS) की सरकार को उखाड़ फेंकना चाहती है. कांग्रेस ने अपने प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक रही है और उसने चुनाव से पहले राज्य की जनता के लिए छह गारंटियों की घोषणा भी की है.
केसीआर ने दिया था टिकट
हनुमंत राव ने 22 सितंबर की रात को बीआरएस से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. हनुमंत राव में बीआरएस से अलग होने और कांग्रेस में शामिल होने का फैसला ऐसे समय लिया जब करीब एक महीने पहले ही (21 अगस्त को) मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मल्काजीगिरी से उनकी उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी थी. उन्होंने पार्टी की 115 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी.
हनुमंत राव ने क्यों छोड़ी बीआरएस?
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हनुमंत राव चाहते थे कि बीआरएस नेतृत्व उनके बेटे रोहित को मेडक विधानसभा सीट से मैदान में उतारे. पार्टी ने उनकी बात नहीं सुनी, जिसके बाद हनुमंत राव ने पार्टी के निर्णय लेने के लिए वित्त मंत्री टी हरीश राव को दोषी ठहराया और उनके खिलाफ अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया. हालांकि, बीआरएस नेताओं ने मामले पर चुप्पी साधे रखी और हनुमंत राव के फैसले का इंतजार किया.
आखिरकार राव ने शुक्रवार को बीआरएस छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की. राव ने कहा कि उन्होंने मल्काजीगिरी के लोगों के अनुरोध पर यह निर्णय लिया है. अब, उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस उनके बेटे को मेडक से टिकट देगी.