Telangana Vidhan Sabha Elections 2023: तेलंगाना में इस साल विधानसभा चुनाव होना है. इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने सत्ता में बीआरएस की वापसी को लेकर भविष्यवाणी की है. विधानसभा में चर्चा के दौरान जवाब देते हुए केसीआर ने विश्वास जताते हुए कहा कि बीआरएस चुनाव वाले तेलंगाना में सत्ता में वापस आएगी. राव ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना की क्योंकि उसके शासन के दौरान राज्य को सबसे अधिक नुकसान हुआ था.


राव ने कहा, हमने खुद को सीधे तौर पर एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी घोषित कर दिया है. एआईएमआईएम और बीआरएस दोनों मित्रवत पार्टियां हैं. हम साथ रहेंगे और भविष्य में भी रहेंगे. हमें अच्छे परिणाम मिलेंगे जिससे तेलंगाना के लोगों या अल्पसंख्यकों गरीब लोगों को फायदा हो.


'इस बार भी जीतेंगे चुनाव'
चंद्रशेखर राव ने कहा, मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि हम पिछले चुनाव की तुलना में शत-प्रतिशत सात से आठ सीटें अधिक जीतेंगे. इसमें किसी को संदेह करने की जरूरत नहीं है. शासक ईमानदार है तो भगवान और प्रकृति भी आशीर्वाद देंगे. बीआरएस शासन में पिछले 10 सालों के दौरान तेलंगाना अधिक जल विद्युत उत्पादन करने में सक्षम है.


कांग्रेस और बीजेपी पर साधा निशाना 
कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान अनगिनत वादे किए. मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार अब कहती है कि राज्य की वित्तीय स्थिति कुछ चुनावी वादों के अमल करने की स्थिति में नहीं है, जिसके चलते प्रशासन एससी और एसटी फंड को डाइवर्ट करने के बारे में सोच रही है.


कांग्रेस की आलोचना करते हुए राव ने कहा कि राज्य में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शासन के दौरान 30,000 से 35,000 झीलें गायब हो गईं. 


वोट के लिए मुफ्त चीजें देना हैं संस्कृति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए केसीआर ने कहा कि वोट के लिए मुफ्त चीजें देना रेवड़ी संस्कृति हैं. उसी पार्टी ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक में हर घर को आधा लीटर दूध मुफ्त देने का वादा किया था.


बीआरएस शासन के दौरान तेलंगाना में बिजली क्षमता की वृद्धि का वर्णन करते हुए राव ने कहा कि राज्य जल्द ही 18,756 मेगावाट की मौजूदा क्षमता के मुकाबले 25,000 मेगावाट स्थापित बिजली क्षमता का लक्ष्य हासिल कर लेगा.


बीआरएस (तब टीआरएस) ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 88 सीटें जीतीं और कई अन्य पार्टी विधायकों के सत्तारूढ़ दल में शामिल होने के बाद ये बढ़कर 101 हो गई


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