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तेलंगाना सरकार ने हड़ताल में शामिल सड़क परिवहन निगम के 50 हजार कर्मचारी बर्खास्त किए
त्योहारी सीजन में हड़ताल के कारण तीसरे दिन भी सड़कों से टीएसआरटीसी की 10,500 बसों के नदारद रहने से यात्रियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ा है. टीएसआरटीसी में प्रतिदिन करीब एक करोड़ यात्री नियमित यात्रा करते हैं.
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हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने हड़ताल कर रहे राज्य परिवहन सड़क निगम के करीब 50 हजार कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. तेलंगाना सरकार ने हड़ताल खत्म करने के लिए कर्मचारियों को शनिवार शाम 6 बजे तक का समय दिया था. इस फैसले के बाद कर्मचारियों के बीच हाहाकार मचा ही हुआ है. इस मामले को लेकर अब राज्य की सियासत भी खूब गरमा रही है. 48 हजार कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद तेलंगाना राज्य परिवहन सड़क निगम में सिर्फ 1200 कर्मचारी ही बचे थे. टीएसआरटीसी के अधिकारी किराए की बसों और अस्थायी चालकों को तैनात कर बस सेवा चला रहे हैं.
नई भर्तियों का आदेश भी जारी किया केसीआर सरकार ने कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के तीसरे दिन सोमवार को नए कर्मचारियों की भर्ती करने का आदेश जारी कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने नई निजी बसों को भी सेवा में लगाने के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने रविवार रात घोषणा की थी कि राज्य के स्वामित्व वाली परिवहन सेवा में हड़ताल पर गए कर्मचारियों को वापस लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है, क्योंकि वे सरकार द्वारा शनिवार की निर्धारित समय सीमा से पहले काम पर नहीं लौटे थे.
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TSRTC के हड़ताली कर्मचारियों की मांग क्या है? रीब 50,000 कर्मचारी सरकार के साथ टीएसआरटीसी के विलय सहित 26 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार आधी रात से हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों की मांग है कि आन्ध्र प्रदेश की तरह तेलंगाना राज्य परिवहन सड़क निगम का राज्य सरकार के साथ मर्जर हो. आन्ध्र की ही तरह TSRTC कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 60 साल की जाए. इसी के साथ 2017 से लंबित वेतन संशोधन को किया जाए. काम का बोझ कम करने के लिए TSRTC में नई भर्तियां हों.
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तेलंगाना सरकार के इस फैसले के खिलाफ बीजेपी ताल ठोंक कर मैदान में कूद गई है. तेलंगाना बीजेपी के नेता डॉक्टर लक्षमण ने कहा, ''सरकार चाहती है कि राज्य परिवहन सड़क निगम घाटे में चला जाए ताकि वो एक लाख करोड़ की कीमत वाले इस निगम की कमान प्राइवेट सेक्टर के अपने करीबियों को दे सकें. भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर लोकतांत्रिक और कानूनी लड़ाई लड़ेगी और हम सुनिश्चित करेंगे कि राज्य परिवहन सड़क निगम कर्मचारियों का हित सबसे ऊपर हो.''
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