'दोस्ताना तरीके से सुलझाएं विवाद', गवर्नर आरएन रवि और स्टालिन सरकार की खींचतान पर बोलीं तेलंगाना की राज्यपाल
DMK के वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिए एक पत्र में कहा है कि राज्यपाल रवि राज्य सरकार के साथ एक "वैचारिक लड़ाई" में शामिल हो रहे हैं.
RN Ravi Vs DMK Government: द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सरकार और तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के बीच काफी समय से खींचतान चल रही है. इस खींचतान पर अब तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने शनिवार को कहा कि तमिलनाडु राजनीतिक रूप से सनसनीखेज मूड में है. सुंदरराजन ने कहा कि राजनीतिक दलों और राज्यपालों के बीच विचारों में अंतर होने के बावजूद टिप्पणी 'मर्यादित' होनी चाहिए.
तेलंगाना की राज्यपाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "कुछ लोग उच्च अधिकारियों के बारे में सबसे खराब भाषा का उपयोग कर टिप्पणी कर रहे हैं. हम सब संस्कारी बनें और हम सब मैत्रीपूर्ण बनें. भले ही कोई मतभेद हो, इसे दोस्ताना तरीके से व्यक्त किया जा सकता है."
भाषण के कुछ हिस्से छोड़ गए थे आरएन रवि
तमिलिसाई सुंदरराजन का बयान 9 जनवरी को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ने पर तमिलनाडु विधानसभा की "अपनी पीड़ा दर्ज करने" की पृष्ठभूमि में आया है. द्रमुक के वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिए एक पत्र में कहा है कि राज्यपाल रवि राज्य सरकार के साथ एक "वैचारिक लड़ाई" में शामिल हो रहे हैं.
स्टालिन ने पेश किया था प्रस्ताव
राज्यपाल रवि ने राज्य विधानसभा में उद्घाटन भाषण के प्रमुख हिस्सों को छोड़ दिया और जब मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भाषण छोड़ने के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया, तो वह बाहर चले गए. शुक्रवार को विधानसभा के पटल पर स्टालिन ने कहा कि वह "तमिलियन लोगों के गौरव को संरक्षित करने" के लिए सत्ता में चुने गए हैं. उन्होंने कहा, "मैं उस दिन हुई घटनाओं के संस्करण को दोहराना नहीं चाहता, लेकिन साथ ही मैं सत्ता में चुने जाने के कारणों से भी वाकिफ हूं... मैं तमिल लोगों के गौरव को बनाए रखने के लिए चुना गया हूं."
गौरतलब है कि विधानसभा में स्टालिन की ओर से पेश प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था, जिसमें कहा गया था कि रवि के अभिभाषण के सिर्फ उन्हीं हिस्सों को रिकॉर्ड किया जाए, जिसे सरकार ने तैयार किया था और मंजूरी दी गई थी. इसे लेकर टकराव की वजह से रवि सदन से बीच में ही चले गए थे.
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