हैदराबाद: उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद तेलंगाना सरकार ने दीपावली से पहले एक आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से पटाखों की बिक्री और प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही तेलंगाना भी उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए ऐसा ही कदम उठाया है. दीपावली का त्योहार शनिवार को मनाया जाएगा.
सरकार की ओर से 12 नवंबर को जारी एक आदेश में कहा गया कि उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को (बृहस्पतिवार को) निर्देश दिया था कि पटाखों की बिक्री और प्रयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के लिए आदेश जारी करे और पटाखे बेचने वाली दुकानों को बंद किया जाए. हालांकि, विपक्षी पार्टी भाजपा ने आरोप लगाया कि टीआरएस सरकार अदालत में इस मामले में अपना पक्ष प्रभावी ढंग से नहीं रख सकी और पटाखों पर प्रतिबंध लगाकर हिंदुओं की भावनाओं की रक्षा करने में विफल रही.
सरकारी आदेश में कहा गया कि उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये लोगों से पटाखे न जलाने की अपील की जाए ताकि वायु प्रदूषण को रोका जा सके. आदेश में कहा गया, “मामले पर गंभीरता से विचार करने और माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के मद्देनजर सरकार, पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाती है.”
आदेश में कहा गया कि राज्य में पटाखे बेचने वाली दुकानों के विरुद्ध प्रशासन और पुलिस तत्काल कार्रवाई करे. उसमें कहा गया कि राज्य पुलिस प्रमुख, अग्निशमन सेवाओं के महानिदेशक और सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और एसपी को राज्य भर में पटाखे बेचने वाली दुकानों को बंद करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.
बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह कोविड-19 महामारी से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर दीपावली के दौरान पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर तुरंत प्रतिबंध लगाए. अदालत ने कहा कि लोगों का जीवन सबसे महत्वपूर्ण है.
इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद बंदी संजय कुमार ने आरोप लगाया कि टीआरएस सरकार पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर हिन्दुओं की भावनाओं की रक्षा करने में नाकाम रही है. कुमार ने कहा, “हिंदुओं के त्योहारों पर विवाद खड़ा करना फैशन बन गया है.” उन्होंने कहा कि अगर सरकार से अनुमति प्राप्त दुकानों को बंद कर दिया जाएगा तो पटाखे बेचने वाले दुकानदार कहां जाएंगे.