(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
तेलंगाना: स्कूल की किताब में कुरान पकड़े हुए छापी गई 'आतंकी' की तस्वीर, तुरंत हटाने का आदेश
किताब के पाठयक्रम में एक विवादित तस्वीर है, जिसमें एक 'आतंकवादी' तस्वीर में अपने दाहिने हाथ में एक रॉकेट लांचर पकड़े हुए है और अपने बाएं हाथ में पवित्र कुरान लिए हुए है.
'Islamophobic' content in school textbook: तेलंगाना में एक स्कूल की किताब में 'इस्लामिक कट्टरवाद' से जुड़ा कंटेंट छापने के बाद विवाद हो गया है. यहां क्लास 8 के सामाजिक अध्ययन (अंग्रेजी माध्यम) के 'प्रश्न बैंक' में कुरान के साथ एक आतंकवादी की तस्वीर छापी गई है, जिसका विरोध हो रहा है. हालांकि सरकार ने इस कंटेंट को तुरंत हटाने को कहा है.
क्या है मामला?
स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईओ) ने मांग की है कि तेलंगाना सरकार को कक्षा 8 की स्कूली पाठ्यपुस्तक से 'इस्लामिक कट्टरवाद' से जुड़े कंटेंट को तुरंत हटा देना चाहिए. एसआईओ तेलंगाना ने कक्षा 8 के सामाजिक अध्ययन (अंग्रेजी माध्यम) के 'प्रश्न बैंक' में प्रकाशित एक तस्वीर का कड़ा विरोध किया है. एक 'आतंकवादी' तस्वीर में अपने दाहिने हाथ में एक रॉकेट लांचर पकड़े हुए है और अपने बाएं हाथ में पवित्र कुरान लिए हुए है. यह 'राष्ट्रीय आंदोलन- अंतिम चरण 1919-1947' चैप्टर में प्रकाशित हुआ था.
प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई की मांग
एसआईओ तेलंगाना के अध्यक्ष डॉ तल्हा फैयाजुद्दीन ने 'इस्लामोफोबिक' कंटेंट के प्रकाशन की निंदा की और राज्य के शिक्षा मंत्री पी. सबिता इंद्रा रेड्डी से प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कंटेंट छात्रों के दिमाग पर बुरा असर डालेगी. उन्होंने कहा, "यह मुस्लिम समुदाय के प्रति रूढ़िवादी, घृणास्पद और इस्लामोफोबिक दृष्टिकोण का निर्माण और प्रचार कर रहा है. एक व्यक्ति को अपने दाहिने हाथ में एक बंदूक और बाएं हाथ में पवित्र कुरान पकड़े हुए दिखा रहा है. यह एक भेदभावपूर्ण और घृणित कंटेंट है, जो समाज पर बुरा असर डालती है."
संगठन ने कहा कि शांति शिक्षा और शैक्षणिक संस्थानों में शांति पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों के मन में शांति का संचार होना चाहिए. उन्होंने शिक्षा मंत्रालय से इस तरह की विचलित करने वाले कंटेंट को मंजूरी नहीं देने और इस तरह के गैर-जिम्मेदार और प्रचारक व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
एसआईओ ने मांग की कि प्रकाशक तुरंत जहरीली कंटेंट को हटा दें और संस्करण को फिर से प्रकाशित करें. इस बीच, प्रकाशन को सोशल मीडिया पर कई लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया का भी सामना करना पड़ रहा है. नागरिकों को आश्चर्य हुआ कि तेलंगाना में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में इस तरह की कंटेंट की अनुमति कैसे दी.