Telangana High Court: वक्फ बोर्ड को झटका, 5 स्टार Marriott होटल की प्रॉपर्टी पर दावे की याचिका हाईकोर्ट में खारिज
High Court Order: हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस अनिल कुमार जुकांति की अगुवाई वाली पीठ ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ टिप्पणी की है. जिसमें उन्होंने वक्फ बोर्ड के खिलाफ निषेधाज्ञा जारी की है.
Telangana High Court Order: तेलंगाना हाई कोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड की एक याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें हैदराबाद का 5 सितारा होटल मैरियट है. जिसे पहले वायसराय होटल के नाम से जाना जाता था. वहीं, वक्फ बोर्ड ने इस होटल पर अपनी संपत्ति होने का दावा करते हुए अधिकार मांगा गया था. दरअसल, वक्फ बोर्ड ने होटल मैरियट पर मालिकाना हक जताते हुए याचिका दायर की थी, लेकिन तेलंगाना हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.
दरअसल, इस मामले में तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस अनिल कुमार जुकांति की अगुवाई वाली खंडपीठ ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ कड़ी टिप्पणी जारी की है. जिसमें उन्होंने वक्फ बोर्ड के खिलाफ निषेधाज्ञा जारी की है - जो बार-बार मैरियट की संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दावा कर रहा था. उन्होंने कहा है कि "वक्फ बोर्ड द्वारा कार्यवाही शुरू करना अधिकार क्षेत्र से बाहर है.
वक्फ बोर्ड ने कार्रवाई करने की मांग की
बता दें कि, ये मामला तब संज्ञान में आया जब याचिकाकर्ताओं ने वायसराय होटल्स, जिसे अब मैरियट के नाम से जाना जाता है, उसने राज्य वक्फ बोर्ड की कार्रवाइयों को चुनौती दी. इसके साथ ही 1995 के वक्फ अधिनियम की धारा 54 के तहत कार्यवाही शुरू करने की मांग की.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि, ये मामला साल 1958 से शुरू होता है, जब तेलंगाना वक्फ बोर्ड द्वारा 1954 के वक्फ अधिनियम के तहत एक शुरुआती जांच ने निष्कर्ष निकाला कि होटल की संपत्ति वक्फ की नहीं थी. इसके बावजूद, संपत्ति पर दावे दशकों से बार-बार सामने आए. जिसके बाद साल 1964 में अब्दुल गफूर की ओर से वक्फ बोर्ड के तहत संपत्ति के स्वामित्व का दावा करते हुए एक मुकदमा दायर किया गया था. इस कानूनी लड़ाई में कई अदालती हस्तक्षेप हुए, जिसमें साल 1968 में हाई कोर्ट का एक महत्वपूर्ण फैसला भी शामिल था, जिसने वक्फ बोर्ड को अपने दावे जारी रखने से नहीं रोका.
5 सितारा होटल के बचाव में आया तेलंगाना HC
इसके बाद इस मामले में हलचल साल 2014 में शुरू हुई जब वक्फ बोर्ड ने मैरियट होटल को नोटिस जारी किया. वक्फ बोर्ड के लगातार दावों के कारण मौजूदा कानूनी चुनौती पैदा हुई, जो 2022 में एक समाचार रिपोर्ट से प्रेरित हुई, जिसमें वक्फ बोर्ड की होटल के खिलाफ अपनी कार्रवाइयों को बढ़ाने की योजना का संकेत दिया गया था. याचिकाकर्ताओं ने पूर्व के हाई कोर्ट के फैसलों की ओर इशारा करते हुए तुरंत प्रतिक्रिया दी, जिन्होंने वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया था.
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