तेलंगाना हाईकोर्ट ने मंगलवार (7 जनवरी, 2025) को भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष और के चंद्रशेखर राव के बेटे के टी रामा राव को झटका देते हुए ‘फॉर्मूला ई रेस’ मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया और उन्हें गिरफ्तारी से दिया गया संरक्षण भी हटा लिया. हाईकोर्ट ने इससे पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को आदेश सुनाए जाने तक के टी रामा राव को गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी थी और लेकिन मंगलवार के ताजा आदेश में उस संरक्षण को हटा दिया.
के टी रामा राव ने कहा कि उन्होंने उनकी याचिका खारिज करने के हाईकोर्ट आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. के टी रामा राव ने मंगलवार रात को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उम्मीद जताई कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संबंधित घटनाक्रम में, एसीबी ने फार्मूला ई रेस मामले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट याचिका दायर की है.
के टी रामा राव ने कहा कि वह हाईकोर्ट से भी आग्रह कर रहे हैं कि नौ जनवरी को एसीबी के समक्ष उपस्थित होने पर उनके वकील को उनकी सहायता करने की अनुमति दी जाए. बीआरएस नेता को उनके वकील की सहायता लेने से मना कर दिया गया था, इसलिए वह छह जनवरी को अधिकारियों के समक्ष उपस्थित हुए बिना ही एसीबी कार्यालय से चले गए. एजेंसी ने उन्हें नौ जनवरी को उपस्थित होने के लिए एक नया नोटिस जारी किया.
के टी रामा राव ने यह भी कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष भी पेश होंगे, जिसने उन्हें 16 जनवरी को तलब किया है. हाईकोर्ट ने 31 दिसंबर, 2024 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज मामले में राज्य सरकार और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद पूर्व मंत्री की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. एसीबी ने आरोप लगाया था कि के टी रामा राव ने आवश्यक मंजूरी के बिना फॉर्मूला ई ऑर्गनाइजेशन को 55 करोड़ रुपये के भुगतान को अधिकृत किया, जिनमें से अधिकांश विदेशी मुद्रा में थे.
हाईकोर्ट के जज जस्टिस के. लक्ष्मण ने अपने आदेश में कहा कि आरोपों से संकेत मिलता है कि के टी रामा राव ने राज्य मंत्रिमंडल या वित्त विभाग से मंजूरी लिए बिना ही एचएमडीए (हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण) को एक विदेशी कंपनी को भारी रकम का भुगतान करने का निर्देश दिया. आदेश में कहा गया है, 'क्या याचिकाकर्ता ने खुद को या तीसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने के कदाचारी इरादे से उक्त भुगतान का निर्देश दिया था, इसकी जांच की जानी चाहिए. आरोपों को एक साथ पढ़ने पर प्रथम दृष्टया एचएमडीए के धन के दुरुपयोग और गलत काम का मामला बनता है.'’
कोर्ट ने कहा जांच एजेंसी को जांच करने और सबूत इकट्ठा करने का उचित अवसर मिलना चाहिए. उसने कहा कि वर्तमान मामले की जांच में जल्दबाजी और बाधा नहीं डाली जा सकती. के टी रामा राव ने हाईकोर्ट के आदेश को झटका मानने से इनकार करते हुए कहा कि अदालत ने केवल यह कहा है कि जांच जारी रह सकती है, लेकिन उनके खिलाफ कोई आदेश पारित नहीं किया है.
बीआरएस नेता ने कहा कि फार्मूला-ई मामले में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार दुर्भावनापूर्ण इरादे से उनके खिलाफ मामले थोप रही है. एसीबी ने 19 दिसंबर को राव (जिन्हें केटीआर के नाम से भी जाना जाता है) के खिलाफ पिछली सरकार के दौरान 2023 में दौड़ आयोजित करने के लिए कथित भुगतान को लेकर मामला दर्ज किया था. इसमें से कुछ भुगतान बिना मंजूरी के विदेशी मुद्रा में किया गया था.
मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आपराधिक हेराफेरी, आपराधिक कदाचार, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक षड्यंत्र से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दर्ज किया गया था. आरोप है कि आपराधिक हेराफेरी, आपराधिक कदाचार, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक षड्यंत्र के परिणामस्वरूप कथित तौर पर सरकारी खजाने को लगभग 55 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
यह फॉर्मूला रेस फरवरी 2024 में भी आयोजित होनी थी, लेकिन दिसंबर 2023 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इसे रद्द कर दिया गया. रामा राव पिछली बीआरएस सरकार के दौरान नगर प्रशासन मंत्री थे. हैदराबाद में फॉर्मूला रेस के आयोजन में कथित अनियमितताओं के संबंध में ईडी ने सात जनवरी को रामा राव को भी पूछताछ के लिए बुलाया था.
इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एसीबी ने फार्मूला ई रेस आयोजित करने के लिए पंजीकृत कंपनी ऐस नेक्स्ट जेन प्राइवेट लिमिटेड (प्रायोजक) तथा मामले के संबंध में दो अन्य कंपनियों के यहां तथा आंध्र प्रदेश में अन्य स्थानों पर स्थित कार्यालयों की तलाशी ली. प्राथमिकी में वर्तमान विधायक रामा राव को मुख्य आरोपी, वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी अरविंद कुमार और सेवानिवृत्त नौकरशाह बीएलएन रेड्डी को क्रमशः आरोपी संख्या दो और तीन के रूप में नामित किया गया है.