KTR Writes To PM Modi: तेलंगाना सरकार के कपड़ा मंत्री एवं टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव (K T Rama Rao) ने गरीब हथकरघा बुनकरों (Handloom Weavers) को वित्तीय संकट से उबारने के लिए एक अभियान की शुरुआत की है. केटीआर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को एक पोस्टकार्ड लिखकर हथकरघा से तैयार किए गए कपड़ों और उसको बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर 5% जीएसटी (GST) को वापस लेने की अपील की है. केटीआर ने इस अवसर पर भारत की आजादी के संघर्ष में हथकरघा के महत्व का उल्लेख किया.
केटीआर ने केंद्र पर साधा निशाना
तेलंगाना सरकार के मंत्री केटीआर इससे पहले भी कई मंचों से हथकरघा बुनकरों की समस्याओं को केंद्र सरकार के संज्ञान में ला चुके हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सरकार की ओर से कभी भी इस विषय पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली.
केटीआर ने कहा कि केंद्र सरकार ने बुनकरों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और हथकरघा उत्पादों और कच्चे माल पर जीएसटी लगा दिया है. कृषि के बाद, हथकरघा क्षेत्र रोजगार पैदा करने वाला दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है. मंत्री केटीआर ने कहा कि मानवीय आधार पर हथकरघा उत्पादों पर जीएसटी को वापस लेना होगा. केंद्र के ढुलमुल रवैये के कारण भारत कपड़ा उत्पादन में बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों से काफी पीछे रह गया है.
तेलंगाना सरकार के कार्यों को गिनाया
केटीआर ने हथकरघा बुनकरों के कल्याण के लिए राज्य सरकार के कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि हमारी सरकार हथकरघा सेक्टर के कल्याण के लिए हर साल 1200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर रही है. उन्होंने कहा कि 'चेनेथा मित्रा' योजना के माध्यम से यार्न और रंगों पर 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है. वहीं, हथकरघा के लिए पांच लाख रुपये का बीमा कवरेज भी शुरू किया गया है.
उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने कोविड के दौरान 'नेथन्नाकु चेयुथा' के माध्यम से बुनकरों को समय से बहुत पहले 100 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की. उन्होंने कहा कि बुनकरों को इससे होने वाले फायदों को ध्यान में रखते हुए इस योजना को जारी रखने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि टीआरएस सरकार ने एक लाख रुपये तक के बुनकरों का कर्ज माफ किया है, जिससे करीब 10,500 लोगों को फायदा हुआ है.
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