Komatireddy Rajgopal Reddy Resigned: कांग्रेस को अब तेलंगाना (Telangana) में झटका लगा है. विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी (Komatireddy Rajgopal Reddy) ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा देने की घोषणा की है. विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी अब बीजेपी (BJP) में शामिल हो सकते हैं. कुछ दिनों पहले ही राजगोपाल रेड्डी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की थी.
अपने बयानों के लिए जाने जाने वाले रेड्डी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा करते हुए कहा कि वे विधानसभा से इस्तीफा दे देंगे. वह विधानसभा अध्यक्ष से समय लेंगे और अपना इस्तीफा सौंपेंगे. 55 वर्षीय कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी नलगोंडा जिले के मुनुगोड़े से विधायक हैं. वे कंस्ट्रक्शन और इंफ्रा बिजनेस से जुड़े हुए हैं. उद्यमी से राजनेता बने राजगोपाल रेड्डी के परिवार को यादाद्री, भुवनेश्वर और नलगोंडा जिले में मजबूत समर्थन प्राप्त है.
नलगोंडा जिले में है कोमाटिरेड्डी का प्रभाव
कोमाटिरेड्डी का परिवार नलगोंडा जिले में काफी रसूख रखता है. इनके बड़ी भाई कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी भुवनगिरी से कांग्रेस सांसद है. राजगोपाल खुद पूर्व में कांग्रेस के पार्षद, विधायक और सांसद रह चुके हैं. इनके इस्तीफे से मुनुगोड़े सीट पर उपचुनाव होगा. चर्चा है कि राजगोपाल रेड्डी के इस फैसले के पीछे बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व है. इसे बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार अब इस सीट पर उपचुनाव में राजगोपाल रेड्डी बीजेपी की ओर मैदान में आएंगे.
तेलंगाना राष्ट्र समिति पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि वह तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के खिलाफ लड़ने के लिए और नरेंद्र मोदी (PM Modi) सरकार की प्रभावशीलता पर विचार करने के बाद विधानसभा में इस्तीफा दे रहे हैं. राजगोपाल रेड्डी ने आरोप लगाया कि एक परिवार राज्य में शासन कर रहा है. मंत्रियों, विधायकों, विपक्षी नेताओं का कोई सम्मान नहीं है. उन्होंने कहा कि मुनुगोड़े (Munugode) निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता उनके निर्णय को समझेंगे और उनका समर्थन करेंगे क्योंकि विकास राज्य के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों तक ही सीमित है. रेड्डी के इस्तीफे के कारण 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुनुगोड़े निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराना होगा.
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