तेलंगाना में फोन टैपिंग के आरोपों में दो पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सियासी घमासान छिड़ गया है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार ने उनके नेताओं के फोन टैप कराए थे, जबकि बीआरएस ने पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की है.


केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना की भाजपा इकाई के प्रमुख जी किशन रेड्डी ने मंगलवार (26 मार्च) को फोन टैपिंग के आरोप की न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि न केवल नेताओं की बल्कि व्यापारियों और अधिकारियों के भी फोन टैप किए गए थे.


जी किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने माफिया की तरह काम करते हुए न केवल नेताओं की बल्कि अधिकारियों और व्यापारियों के फोन भी टैप किए. उन्होंने पुलिस अधिकारियों से इस मामले में व्यापक कार्रवाई करने का आग्रह किया.


बीआरएस की एक बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर पिछली बीआरएस सरकार के दौरान किए गए फोन टैपिंग की जानकारी कुछ मीडिया चैनलों को चुनिंदा रूप से लीक करके और जनता का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया.


रामाराव ने आरोप लगाया, 'आपने (कांग्रेस सरकार) महिलाओं को 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता का वादा किया था जिसे लागू नहीं किया जा रहा है. आपने वृद्ध लोगों को 4,000 रुपये की पेंशन देने का वादा किया था. यह वहां नहीं है (क्रियान्वयन नहीं किया गया) ... विफलताओं को छिपाने के लिए, आप कह रहे हैं फोन टैप किए गए. आप हमें (फोन टैपिंग का) ब्योरा नहीं दे रहे हैं, लेकिन आप यूट्यूब चैनलों और कुछ मीडिया को लीक कर रहे हैं.' उन्होंने रेवंत रेड्डी को इस मुद्दे की गहन जांच करने और उसके अनुसार कार्रवाई करने की चुनौती दी.


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