NIA Raids PFI: तेलंगाना पुलिस ने किया था टेरर मॉड्यूल का खुलासा, दो महीने पहले हुई इस कहानी की शुरूआत
NIA Action Against PFI: एनआई ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, लेकिन इसकी शुरूआत दो महीने पहल तब हुई थी, जब तेलंगाना पुलिस ने इसका खुलासा किया था.
NIA Raid: एनआई (NIA) ने पीएफआई (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी (Raid) कर 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. निजामाबाद में कराटे ट्रेनिंग सेंटर (Karate Training Centre) की आड़ में नौजवानों को आतंकवादी (Terrorist) बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. पीएफआई पर कार्रवाई की कहानी दो महीने पहले शुरू हुई थी, जब जुलाई के महीने में तेलंगाना पुलिस (Telangana) ने निजामाबाद में पीएफआई के आतंक के ट्रेनिंग मॉड्यूल (Terror Module) का खुलासा किया था.
निज़ामाबाद में पुलिस ने मार्शल आर्ट सिखाने वाले शख्स सहित चार लोगों की गिरफ्तारी की और क़रीब 30 अन्य लोगों की भी पहचान की गई थी, जो देश एक नफ़रत और हिंसा फैलाने की साज़िश रच रहे थे. तब बताया गया था कि पीएफआई के कार्यकर्ता मार्शल आर्ट्स, कुंग फू का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे. साथ ही साथ उन्हें क़ानून के विभिन्न धाराओं और उनसे बचने के तरीक़े के बारे में भी शिक्षित किया गया था. जांच में पाया गया कि PFI के संदिग्धों ने आंध्र प्रदेश के कर्नूल, प्रकासम और कड़प्पा में ट्रेनिंग कैम्प लगा कर सैकड़ों युवकों को रेडिकलाईज किया और उन्हें हिंसा के लिए प्रशिक्षित भी किया.
एनआईए ने अपने हाथ में लिया केस
इस केस को एनआईए ने अगस्त महीने में अपने हाथ में लिया था और नई एफआईआर दर्ज कर पहली बार 18 सितंबर को 38 जगहों पर छापेमारी की और 4 लोगों को गिरफ्तार किया. एनएआईए ने जांच में पाया कि PFI ने संगठनात्मक पहुंच बढ़ाने के लिए हैदराबाद के चंद्रयानगुट्टा, निर्मल जिले के भैंसा, निज़ामाबाद के बोधन और जगित्याल ज़िलों में बैठक की.
पीएफआई के 200 लोगों को दी गई ट्रेनिंग
गिरफ़्तार आरोपियों ने स्वीकार किया कि पीएफआई का मुख्य उद्देश्य सक्रिय मुस्लिम युवाओं का चयन करके उनके दिमाग को हिंदू विरोधी विचारधारा को भरना था. उन्हें प्रशिक्षित करके विशेष रूप से उन्हें शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाए ताकि उनका उपयोग मानव मिसाइलों के रूप में कहीं भी किया जा सके. इनका उपयोग गैर-मुस्लिमों के खिलाफ दंगों के लिए देश को अस्थिर करने के लिए किया जाना था.
इन लोगों को किया जाता था टारगेट
ट्रेनिंग के लिए अल्पसंख्यक मुस्लिम, फकीर, गरीब, और क़र्ज़दार लोगों को टारगेट किया जाता था. उन्हें पथराव, किसी को भी मारने के लिए चाकू चलाने, भारत में इस्लामी शासन स्थापित करना, देश को अस्थिर करना और शरीयत कानून के बारे में प्रशिक्षित किया जाता था. जांच में NIA ने PFI के 15 फ्रंटल ऑर्गनाइज़ेशन को शामिल किया है. जिनमें-
- सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया - राजनीतिक विंग
- कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया - स्टूडेंट विंग
- राष्ट्रीय महिला मोर्चा - वॉर्नन विंग
- अखिल भारतीय इमाम परिषद - धार्मिक विंग
- अखिल भारतीय कानूनी परिषद - अधिवक्ता विंग
- रिहैब इंडिया फाउंडेशन - सोशल एक्टिविटीज विंग
- मानव अधिकार संगठन के राष्ट्रीय परिसंघ (एनसीएचआरओ) - मानवाधिकार विंग
- सोशल डेमोक्रेटिक ट्रेड यूनियन - ट्रेड यूनियन
- एचआरडीएफ शामिल हैं.
आज की छापेमारी में इन संगठनों से जुड़े लोगो की भी जांच की गई और हिरासत में लिया गया है. पीएफआई व्यवस्थित रूप से अपने सदस्यों को शारीरिक प्रशिक्षण दे रहा है.
क़ानून की गिरफ़्त से बचने की भी ट्रेनिंग
पीएफआई संगठन (PFI Organisation) के सदस्यों को गैर-जमानती, जमानती धाराओं के बारे में प्रशिक्षित (Training) करता है. उन्हें यह भी बताया जाता है की किस धारा के तहत नोटिस (Notics) जारी किए जाएंगे, पुलिस (Police) द्वारा 41ए नोटिस, अब अदालत के समक्ष सयूरिटी दायर की जाए या जमानत और अदालत (Court) की नोटिस को कैसे हैंडल किया जाए. सीआरपीसी (CRPC) की धारा 107 के बारे में भी बताया गया. 96 आईपीसी से 106 आईपीसी तक की धराएं जो आत्मरक्षा के रूप में वर्गीकृत हैं, उनके बारे में पढ़ाया गया और इन धाराओं का उपयोग क़ानूनी लड़ाई में (अपनी रक्षा में उपयोग करने के लिए) करने के बारे में बताया गया.
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