Telangana Politics: ‘तेलंगाना के मंदिर में हुआ डिप्टी सीएम का अपमान’, बीआरएस और बीएसपी ने लगाया आरोप, मल्लिकार्जुन खरगे से की ये मांग
BRS Attack On Congress: के चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि मंदिर में उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ दलित नेताओं का अपमान किया गया.
Lok Sabha Elections 2024: तेलंगाना में विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने आरोप लगाते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री एम. भट्टी विक्रमार्क को सोमवार (11 मार्च) को यदागिरी लक्ष्मी नरसिम्हास्वामी मंदिर में अपमान और भेदभाव का सामना करना पड़ा. इस दौरान मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और अन्य कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे.
दि हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, बीआरएस नेता बाल्का सुमन, येरोल्ला श्रीनिवास, जी. देवी प्रसाद राव और के. वासुदेव रेड्डी ने कहा कि मंदिर के अंदर अनुष्ठान करते वक्त पिछड़ा वर्ग (बीसी) से आने वाले नेता विक्रमार्क और एक अन्य मंत्री कोंडा सुरेखा को निचले आसन पर बैठाया गया जबकि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और दो अन्य मंत्री ऊंचे आसन पर बैठे थे. उन्होंने कहा कि ये दलित और बीसी नेताओं का अपमान है.
बीआरएस नेताओं ने कांग्रेस पर लगाया आरोप
इन नेताओं का कहना है कि अगर ये भेदभाव मंदिर में हो रहा है तो ये कहीं भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि ये भेदभाव तो महीने की शुरुआत में ही शुरू हो गया था. आरोप लगाते हुए बीआरएस नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के राज्य की सत्ता संभालने के बाद जारी किए गए सरकारी विज्ञापनों में विक्रमार्क को सीएम रेड्डी के साथ दिखाया गया लेकिन हाल ही में इसे बंद कर दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से की ये मांग
बीआरएस नेताओं ने मांग की है कि एआईसीसी (कांग्रेस) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को मंदिर की घटना पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए और मुख्यमंत्री को दलित समुदाय से माफी मांगनी चाहिए. एक कदम आगे बढ़ते हुए श्रीनिवास ने मांग की कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एससी, एसटी अत्याचार का मामला दर्ज किया जाए.
बहुजन समाज पार्टी ने क्या कहा?
वहीं, बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आर.एस. प्रवीण कुमार ने एक बयान में कहा कि इस घटना ने कांग्रेस पार्टी का असली चेहरा सामने ला दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री पर दलित समुदाय के प्रति सम्मान नहीं होने का आरोप लगाया. बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वह पिछले महीने शहर के बाहरी इलाके जनवाड़ा गांव में दलितों पर हुए हमले की निंदा करने, पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने और घटना की जांच का आदेश देने में विफल रहे.