KTR Letter To Rahul Gandhi: भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने रविवार (18 अगस्त) को राहुल गांधी को कड़े शब्दों में एक चिट्ठी लिखी. इसमें उन्होंने कांग्रेस पर तेलंगाना के किसानों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने किसानों से जो वादा किया था उसको पूरा करने में नाकाम रही है.


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी भेजी गई इस चिट्ठी में बीआरएस नेता ने दावा किया कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की घोषित कृषि ऋण माफी का वितरण राज्य में अभी भी अधूरा है. कांग्रेस ने 2022 के ‘वारंगल रायथू घोषणापत्र’ के तहत एकमुश्त 2 लाख रुपए का कर्ज माफ करने का वादा किया था. वहीं, अगर केटीआर की चिट्ठी पर गौर करें तो हकीकत इससे काफी दूर है.


केटीआर ने चिट्ठी में क्या लिखा?


उन्होंने कहा, "कांग्रेस सरकार की ओर से लोन माफी प्रक्रिया शुरू करने के बावजूद, तेलंगाना में बड़ी संख्या में पात्र किसान इससे वंचित रह गए हैं. 2 लाख रुपये तक के लोन माफ करने का वादा पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ है और लाभार्थियों की संख्या अनुमान से काफी कम है."


‘कांग्रेस ने लाभार्थियों की संख्या को किया सीमित’


चिट्ठी में कहा गया, " जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है. कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन वह अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे रह गई है. तेलंगाना में बड़ी संख्या में किसानों को सभी पात्रता मानदंड पूरा करने के बावजूद इस योजना से बाहर रखा गया है. सरकार ने शुरुआत में 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफी की घोषणा की थी, लेकिन उसने लाभार्थियों की संख्या को बहुत सीमित कर दिया है."


केटीआर ने पेश किए आंकड़े


चिट्ठी में केटीआर ने आगे लिखा, “राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 49,500 करोड़ रुपये का फसल लोन वितरित किया गया, जबकि केवल 17,933 करोड़ रुपये माफ किए गए, जिससे केवल 22.37 लाख किसान लाभान्वित हुए. यह बीआरएस सरकार की पिछली ऋण माफी से बिल्कुल अलग है, जिसमें 1 लाख रुपये तक के ऋण के लिए 36.68 लाख किसानों को कवर किया गया था, जिसकी राशि 19,198 करोड़ रुपये थी.”


बीआरएस नेता ने इस चिट्ठी में कांग्रेस सरकार के कर्ज माफी के अनुमानित बजट को प्रारंभिक 40,000 करोड़ रुपये से घटाकर मात्र 17,933 करोड़ रुपये करने पर भी प्रकाश डाला गया है. इसमें कहा गया है, "किसानों को अब नौकरशाही संबंधी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वे यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्हें कर्ज माफी से बाहर क्यों रखा गया है और हजारों शिकायतें दर्ज की गई हैं."


ये भी पढ़ें: किसानों के लिए केंद्र का रोडमैप तैयार! PM मोदी देने जा रहे बड़ा गिफ्ट, जानें- कब, कैसे और किन्हें होगा लाभ