Telangana Revanth Reddy Oath Taking Ceremony: तेलंगाना में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद आज गुरुवार (7 दिसंबर) मुख्यमंत्री के तौर पर रेवंत रेड्डी का शपथ ग्रहण समारोह होना है. इसमें शामिल होने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैदराबाद रवाना हो गए हैं. गुरुवार को वे दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे. उनके साथ दीपेंद्र एस हुड्डा भी थे. चारों फ्लाइट से हैदराबाद पहुंचेंगे. दीपेन्द्र हुड्डा ने इसका वीडियो शेयर किया है. इसमें ये चारों
रेड्डी ने दिया था आमंत्रण
वहीं, शपथ ग्रहण समारोह से पहले बुधवार (6 दिसंबर) को रेवंत रेड्डी दिल्ली पहुंचे. यहां उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिल्कार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. उसके पहले राहुल गांधी ने उन्हें सीएम बनने की शुभकामनाएं दी थी.
शपथ ग्रहण की तैयारियां पूरी
वहीं, तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री के तौर पर रेवंत रेड्डी के शपथ ग्रहण की तैयारियां पूरी हो चुकी है. सूबे की मुख्य सचिव ए. शांति कुमारी ने अधिकारियों को एलबी स्टेडियम में होने वाले रेवंत रेड्डी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए सभी व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे. मुख्य सचिव ने मंगलवार (5 दिसंबर) को अधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह के संबंध में की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा की थी. गुरुवार को सुबह तक सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं. पुलिस विभाग ने यातायात, पार्किंग एवं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
दो सीटों पर चुनाव लड़े थे रेवंत रेड्डी
आपको बता दें कि रेवंत रेड्डी ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था. कोडांगल और कामारेड्डी विधानसभा सीट पर वह उम्मीदवार बने थे. हालांकि कामारेड्डी वाली सीट हार गए थे. यहां वह बीआरएस प्रत्याशी और पूर्व सीएम केसीआर के सामने खड़े थे, हालंकि यहां वह तीसरे नंबर पर रहे और बीजेपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की. इन्होंने अपनी दूसरी सीट कोडांगल में जीत हासिल की थी. हालांकि सूबे में उनका जनाधार बहुत बड़ा है.
राज्य में कांग्रेस की जीत स्पष्ट होते ही जैसे ही रेड्डी घर से बाहर निकले थे, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें देखकर सीएम-सीएम के नारे लगाने शुरू कर दिए थे. इसके बाद ही इस बात के संकेत मिल गए थे कि वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे. जून 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद से यहां टीआरएस (अब बीआरएस) की सरकार थी. पहली बार कांग्रेस की सरकार बनी है.