गांधीनगर: नीति निर्माता सैम पित्रोदा ने एक यूनिवर्सिटी में छात्रों से कहा कि भविष्य में मंदिर से नौकरियां पैदा नहीं होंगी, सिर्फ विज्ञान ही भविष्य का निर्माण करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि जब रोजगार के बारे में बात की जाती है तब इसे राजनीतिक रंग दे दिया जाता है और ‘इसमें वास्तविकता कम, जुमले ज्यादा होते हैं.’’


पित्रोदा ने कहा , ‘‘जब मैं इस देश में मंदिर, मंदिर, ईश्वर, जाति के बारे में सभी चर्चाओं को सुनता हूं तब मैं भारत के बारे में चिंता करने लगा जाता हूं. भविष्य में मंदिरों से रोजगार पैदा नहीं होगा. सिर्फ विज्ञान ही भविष्य का निर्माण करेगा.’’ उन्होंने कहा कि हालांकि प्राइवेट सेक्टर में विज्ञान पर बहुत कम चर्चा होती है.


पित्रोदा ने कहा , ‘‘जब भी कोई रोजगार के बारे में बात करता है तो हमेशा इसमें राजनीतिक रंग होता है. वास्तविकता बहुत कम और जुमले ज्यादा होता है.’’ पित्रोदा यहां कर्णावती यूनिवर्सिटी में ‘युवा संसद’ में बोल रहे थे.


उन्होंने आरोप लगाया कि देश के युवाओं और लोगों को राजनीतिक नेताओं द्वारा गुमराह किया जा रहा है, बेकार की चीजों पर बात की जा रही है जिससे वो गलत रास्ते पर जा रहे हैं.