नई दिल्ली: पोर्ट और एयरपोर्ट पर जारी चीन-भारत के आर्थिक युद्ध के बीच भारतीय बाजार में इसका असर दिखना शुरू हो गया है. भारत ने चेन्नई, मुम्बई के बंदरगाहों समेत दिल्ली एयरपोर्ट पर चीनी कंसाइनमेंट की फिजिकल वेरिफिकेशन शुरू की हुई है. इसके चलते बीते सोमवार की मध्यरात्रि से चीन से आने वाले कंसाइनमेंट पोर्ट और एयरपोर्ट पर अटके हुए हैं.


कोरोना वायरस के चलते पहले से ही चीन से आने वाले कंसाइनमेंट बीते 3 महीनों में ना के बराबर पहुंचे थे. ऐसे में जब कंसाइनमेंट आने का सिलसिला शुरू हुआ तो बॉर्डर पर भारत और चीन की तकरार के चलते कस्टम विभाग ने चीनी कंसाइनमेंट की सौ फ़ीसदी फिजिकल वेरिफिकेशन शुरू कर दी है. इसके चलते पहले से ही कमजोर पड़ी सप्लाई चेन में और ज्यादा दिक्कत आनी शुरू हो गई हैं.


इसकी वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की कीमतें सप्लाई चैन में बढ़नी शुरू हो गई हैं. वही आने वाले दिनों में आईटी उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों जैसे मोबाइल फोन आदि की कीमतों में और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है.


पोर्ट और एयरपोर्ट पर चल रही इस तकरार के चलते सप्लाई चैन में क्या कुछ दिक्कतें आ रही हैं और आईटी उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स की कीमतों में क्या अंतर आया है इसका जायजा लेने के लिए एबीपी न्यूज़ ने देश के सबसे बड़े आईटी मार्केट नेहरू प्लेस का रुख किया.


यहां ऑल दिल्ली कंप्यूटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव स्वर्ण सिंह ने बताया कि सभी आईटी उत्पाद जैसे लैपटॉप, प्रिंटर स्कैनर, रैम और हार्ड डिस्क की कीमतें पिछले 2 महीनों के दौरान लगभग 5 से 10 फ़ीसदी बढ़ चुकी हैं. इसके अलावा जब से कंसाइनमेंट रोकने की बात सामने आई है तब से सप्लाई चैन में इन उत्पादों की कीमतों में एक बार फिर से 5 से 10 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है.


स्वर्ण सिंह का कहना है कि सरकार की तरफ से नीति स्पष्ट ना होने के चलते जबसे कंसाइनमेंट रुकने की बातें सामने आई हैं तब से सप्लाई चैन में आईटी उत्पाद भी आने कम हो गए हैं. ऐसे में सप्लाई और डिमांड के हिसाब से कीमतें बढ़ रही हैं.


इसके अलावा हेडफोन, माइक्स की अगर बात करें तो कीमतें 25 से 40 फ़ीसदी तक बढ़ चुकी हैं. वही वेबकैम तो बाजार में ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि वेबकैम की कीमतें पहले ही 5 से 7 गुना तक बढ़ चुकी हैं और अब कंसाइनमेंट में हो रही देरी के चलते कई गुना ज्यादा कीमत पर वेबकैम मिल रहे हैं.


कीमतों में बढ़ोतरी (पिछले 7 दिन)
वेबकैम. 5-7 times
हेडफोन 10-20%
लैपटॉप  5-10%
प्रिंटर्स 5-10%
स्कैनर्स  5-10%
रैम 5-10%
हार्ड डिस्क 5-10%


इसके बाद अगर बात मोबाइल की करें तो चीन से 70 फ़ीसदी से ज्यादा मोबाइल और कलपुर्जे आयात होते हैं. पोर्ट और एयरपोर्ट पर जबसे कंसाइनमेंट रुकने का सिलसिला शुरू हुआ है तब से सप्लाई चैन में मोबाइल की कीमतें एक बार फिर से बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं. यह स्थिति तब है, जबकि बीते 3 महीनों के दौरान मोबाइल फोन की कीमतें 6 से 8 फ़ीसदी तक बढ़ चुकी हैं.


दिल्ली मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन के महासचिव तेजिंदर सिंह ने बताया की जब से पोर्ट पर कंसाइनमेंट रुकने की बात सामने आई है तो डिस्ट्रीब्यूटर से हमें यही पता चल रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में मोबाइल फोन की कीमतों में 5 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. उन्होंने बताया कि बीते 2 महीनों के दौरान कीमतें 6 से 8 फ़ीसदी तक बढ़ी हैं. वही अब कंसाइनमेंट रुकने की वजह से कीमतें एक बार फिर से 3 से लेकर 5 फ़ीसदी तक बढ़ सकती हैं.


तेजिंदर सिंह ने बताया कि मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न कलपुर्जे जैसे बैटरी, स्क्रीन डिस्पले और चार्जिंग जैक की कीमतें बीते 2 महीनों के दौरान 10 फ़ीसदी तक बढ़ गई हैं. वहीं अब कंसाइनमेंट रुकने के बाद एक बार फिर से इन सभी स्पेयर पार्ट्स की कीमतें 8 से 10 फीसदी तक बढ़ जाएंगी.


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