टेरर प्लॉट की जांच में दो एजेंसियों के बीच चल रही है खींचातानी? क्या NIA को सौंपी जाएगी जांच
मुंबई पुलिस और दिल्ली पुलिस के जांच एजेंसियों के बीच कुछ सही तालमेल नहीं दिखाई दे रहा है. इस वजह से पूछताछ करने के लिए मुंबई से पहुंची टीम को सिर्फ़ 10 से 15 मिनट का समय मिला.
मुंबईः भारत के अलग अलग राज्यों में आतंकी साज़िश को अंजाम देने की तैयारी कर रहे संदिग्ध आतंकियों को दिल्ली स्पेशल सेल ने गिरफ़्तार किया था. इसमें से एक शख़्स का नाम जान मोहम्मद शेख़ है जो की मुंबई के धारावि इलाक़े का रहने वाला है. इसी बीच महाराष्ट्र एटीएस ने भी उसी जांच को आगे बढ़ाते हुए ज़ाकिर शेख़ को गिरफ़्तार किया और फिर उसकी पूछताछ के बाद मुम्ब्रा का रहने वाला ट्यूशन टीचर रिज़वान मोमिन को गिरफ़्तार किया.
देश की दो बड़ी एजेंसियों में नहीं बन रही?
दिल्ली स्पेशल सेल ने जब मुंबई के धारावी इलाक़े में रहने वाले जान मोहम्मद शेख़ को कोटा से गिरफ़्तार किया तब महाराष्ट्र जांच एजेंसियों पर सवाल उठने लगे की आख़िर क्या महाराष्ट्र एटीएस का इंटेलिजेंस फेल हो गया था कि उनकी नाक के नीचे कोई शख़्स इतनी बड़ी आतंकी साज़िश को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था और उन्हें भनक तक नहीं लगी. जिसके बाद महाराष्ट्र एटीएस चीफ़ विनीत अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सफ़ाई देते हुआ बताया की जान मोहम्मद उनकी रडार पर था.
इसके बाद महाराष्ट्र एटीएस ने एक एसीपी के नेतृत्व में एक टीम बनाकर उसे दिल्ली भेजा जहां दिल्ली स्पेशल सेल की कस्टडी में जान मोहम्मद शेख़ से पूछताछ कर सके. हलाकिं, एजेंसियों के बीच कुछ सही तालमेल नहीं दिखा. इस वजह से पूछताछ करने के लिए सिर्फ़ 10 से 15 मिनट का समय मिला. इतने कम समय में महाराष्ट्र एटीएस के लोग कुछ भी ऐसा पता नहीं लगा सके जो उनके काम आए.
टीम ख़ाली हाथ लौटी और फिर अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर ज़ाकिर शेख़ को गिरफ़्तार किया. ज़ाकिर को उन्हें दिल्ली स्पेशल सेल को हैंडोवर करना था पर महाराष्ट्र एटीएस ने ऐसा ना करते हुए खुद ही एक मामला एंथनी उर्फ़ अनवर उर्फ़ अनस नाम के शख़्स के ख़िलाफ़ दर्ज किया और बताया की ज़ाकिर इस शख़्स के सम्पर्क में था एंथनी विदेश में रहता है और जांच के दौरान ज़ाकिर के पास से कुछ इंक्रिमिनेटिंग दस्तावेज मिले हैं.
एटीएस ने अपने प्रेस नोट में बताया की उन्होंने एंथनी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर ज़ाकिर के ख़िलाफ़ लुक आउट नोटिस जारी किया था और फिर उसे गिरफ़्तार किया. ज़ाकिर की पूछताछ के दौरान रिज़वान मोमिन का नाम सामने आया रिज़वान पर आरोप है की जब ज़ाकिर को पता चला की जान मोहम्मद गिरफ़्तार हो गया है तो उसने अपने बीवी और बच्चों को अपने रिश्तेदार के घर भेज दिया और खुद को रिज़वान के यहां छिपा दिया.
इस दौरान उसने ज़ाकिर का फ़ोन फॉरमेट मारकर उसके तीन टुकड़े कर दिए और उसे खुद के घर के पास ही एक नाले में फेंक दिया था. इस नाले से एटीएस को मोबाइल के टुकड़े मिले हैं जिसे फॉरेंसिक में डेटा रिकवर करने के लिए भेजा गया है.
आरोप यह भी है की साल 2009 के शेख़ और पांच लोगों को बीजेपी लीडर एलके आडवाणी को मारने और धमाके करने की साज़िश रची थी जिसके लिए उन्हें गिरफ़्तार किया था. इस काम के लिए छोटा शकील ने उन्हें कहा था पर इस मामले में शेख़ को कोर्ट ने एक्विट कर दिया है और इसी मामले में ज़ाकिर के भाई शागिर को मास्टरमाइंड बताते हुए वांटेड दिखाया गया है. शागिर देश छोड़कर फ़रार है.
जांच का जिम्मा एनआईए को मिल सकता है
सूत्रों ने बताया की जिस तरह से एक ही मामले में दो जांच एजेंसियां अपने अलग-अलग थ्योरी बनाकर काम कर रही है ऐसे में इस वजह से मामले से जुड़े आरोपियों और वांटेड आरोपियों को फ़ायदा ना हो इसलिए यह मामला नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी को ट्रांसफ़र किया जा सकता है ताकि दोनो ही एफ़आईआर को क्लब कर जांच केंद्रित रूप से की जा सके.
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