General MM Naravane: लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन से चले रहे तनाव और देश में सशस्त्र सेनाओं के एकीकरण और ज्वाइंट थियेटर कमान को बनाने की जद्दोजहद के बीच थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे का अहम बयान आया है. थलेसना प्रमुख के मुताबिक, सेना का कोई एक अकेला अंग आधुनिक-युद्ध नहीं जीत सकता है, इसलिए सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना को अपने संबंधों को लगातार मजबूत करने की जरुरत है.


सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे शुक्रवार को पुणे में नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) की पासिंग ऑउट परेड में जैंटलमैन कैडेट ऑफिसर्स को संबोधित कर रहे थे. एनडीए में सेना के तीनों अंगों के कैडेट ट्रेनिंग लेते हैं. एनडीए से तीन साल का कोर्स पूरा करने के बाद ये सभी जैंटलमैन कैडेट अब अपनी-अपनी सर्विस-एकेडमी में चले जाएंगे (जो उन्होनें चुनी हैं). इसके बाद इन्हें अपनी-अपनी सर्विस में यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना में एक साल की ट्रेनिंग और पूरी करनी है. फिर अपनी-अपनी सर्विस में कमीशन हो जाएंगे.  


जनरल नरवणे ने कहा कि अब आप (कैडेट्स) अलग-अलग वर्दी पहनेंगे (थलसेना, वायुसेना और नौसेना की) लेकिन हमेशा याद रखें कि कोई भी सर्विस "अपने-आप में आधुनिक-युद्ध ना तो लड़ सकती है और ना ही जीत सकती है." इसलिए यहां (एनडीए) में जो आपकी 'कमरडेरियी' यानी आपसी भाईचारा और मेल-मिलाप हुआ है, वो आगे भी बना रहे जब अलग-अलग सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) की बागडोर संभालेंगे.


गौरतलब है कि जहां एक तरफ लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत का चीन से विवाद चल रहा है, वहीं सेना के तीनों अंगों के ज्वाइंट थियेटर कमान बनाने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी पड़ गई है. वायुसेना ने साझा थियेटर कमान बनाने के दौरान सभी सर्विसेज की एसओपी और प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर साझा युद्धनीति बनाने पर जोर दिया है. 


थलसेना प्रमुख ने अगले साल से एनडीए में आने वाली महिला-कैडेट्स का भी स्वागत किया. हालांकि, उन्होंने कहा कि सेना की अलग-अलग एकेडमी में पहले से ही महिला अधिकारी ट्रेनिंग ले रही हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए में भी महिला-कैडेट्स को दाखिला देने का निर्देश दिया था. ऐसे में आगामी एनडीए परीक्षा में महिला-अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगी. 


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