Bangladesh: बांग्लादेश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है. चटगांव स्थित इस्लामी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है. इसे लेकर भारत में निर्वासन पर रह रही बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट कर कहा कि चटगांव में हाल ही में हुई एक रैली के दौरान समूह को हिंसक नारे लगाते हुए सुना गया, जिसमें कहा गया "एक इस्कॉन को पकड़ो, फिर कत्ल करो."


इस्कॉन सदस्यों के सामने आने वाले खतरों के बारे में बताते हुए तस्लीमा नसरीन ने कहा, "हिफाजत-ए-इस्लाम ने आतंकवाद का आह्वान किया है. वे इस्कॉन सदस्यों को मारना चाहते हैं. क्या इस्कॉन एक आतंकवादी संगठन है कि इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए?"


उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक स्तर पर मौजूद इस्कॉन ने कभी भी हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया है. वह बोलीं, "इस्कॉन दुनिया भर के कई देशों में मौजूद है और कहीं भी इसे इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता, लेकिन बांग्लादेश में ऐसा होता है." लेखिका ने "इस्लामवादियों और जिहादियों को जिम्मेदार ठहराया, जो दूसरे धर्मों के लोगों को बर्दाश्त नहीं कर सकते." 






BJP नेता सुवेंदू अधिकारी ने जताई चिंता


इस बीच पश्चिम बंगाल के भारतीय जनता पार्टी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने अपनी चिंता व्यक्त की और इसे इस्कॉन पर "सुनियोजित हमला" बताया. चटगांव में एक जुलूस का वीडियो साझा करते हुए अधिकारी ने दावा किया कि कट्टरपंथी नारे लगा रहे थे, "इस बांग्ला में इस्कॉन के लिए कोई जगह नहीं है.” वह बोले, “अगर कट्टरपंथी इस्कॉन पर हमला करने की सोच रहे हैं तो वे इसके परिणामों को झेल नहीं पाएंगे." 


सुवेंदू अधिकारी ने पोस्ट किया वीडियो


अधिकारी ने लिखा, "यह वीडियो आज सुबह करीब 11 बजे रिकॉर्ड किया गया, जब कट्टरपंथियों का एक जुलूस चटगांव में टेरी बाजार से चेरागी की ओर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के इरादे से जा रहा था. वे जो नारे लगा रहे थे, उन्हें सुनिए:-'इस बांग्ला में इस्कॉन के लिए कोई जगह नहीं है, इस्कॉन को जला दो, इस्कॉन के पते जला दो, इस्कॉन को नष्ट कर दो, इस्कॉन के पते ध्वस्त कर दो.”






कब शुरू हुई हिंसा


5 नवंबर को सांप्रदायिक झड़पें तब शुरू हुई, जब एक स्थानीय व्यापारी उस्मान अली ने कथित तौर पर फेसबुक पर इस्कॉन को "आतंकवादी समूह" बताते हुए पोस्ट किया, जिससे चटगांव के हजारी गली इलाके में हिंदू समुदाय में गुस्सा भड़क गया. जवाब में संयुक्त पुलिस और सेना बलों ने एक अभियान चलाया, जिसमें लगभग 100 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. 


बांग्लादेशी हिंदू अवामी लीग का करते हैं समर्थन


इस्कॉन बांग्लादेश के अध्यक्ष सत्य रंजन बरोई ने हमलों की निंदा करते हुए कहा, "इस्कॉन बांग्लादेश एक गैर-राजनीतिक और शांतिपूर्ण धार्मिक संगठन है जो सांप्रदायिक सद्भाव, धार्मिक सहिष्णुता और मानव कल्याण के लिए समर्पित है." बरोई ने घटना की जांच के बाद शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया. बांग्लादेश की आबादी में करीब 8 फीसदी हिंदू हैं, जो ऐतिहासिक रूप से शेख हसीना की अवामी लीग का समर्थन करते रहे हैं. हालांकि, बढ़ते सांप्रदायिक तनाव ने पूरे देश में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है.


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