टेरिटोरियल आर्मी में फर्जी भर्ती कराने वाले रैकेट का भंडाफोड़, ठग को किया गिरफ्तार
जांच में पता चला है कि रैकेट के जरिए ना केवल टेरिटोरियल आर्मी बल्कि रेलवे और बैंक में काम कराने का झांसा भी दिया जाता था. इसके लिए पीड़ितों को फर्जी कॉल लेटर, आई-कार्ड तक मुहैया कराते थे.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में टेरिटोरियल आर्मी (टीए) में फर्जी रिक्रूटमेंट कराने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है. सेना की पुणे स्थित दक्षिणी कमान ने महाराष्ट्र पुलिस की मदद से एक फेक टीए वेबसाइट के जरिए भोले-भाले युवाओं को ठगने के गोरखधंधे का खुलासा किया है. इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रैकेट चलाने वाले एक ठग को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक, दक्षिणी कमान की मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआई) को इस बात की सूचना मिली थी कि टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती के नाम पर महाराष्ट्र के सोलापुर से एक रैकेट चल रहा है. रैकेट चलाने वाले आरोपियों ने इस फर्जीवाड़े के लिए बाकायदा एक वेबसाइट भी बना रखी थी. इस वेबसाइट के जरिए सेना में करियर और देश-सेवा करने का जज्बा रखने वाले युवाओं को ठगा जाता था. इस सूचना को एमआई ने महाराष्ट्र पुलिस की क्राइम ब्रांच से साझा किया और इस रैकेट का भंडाफोड़ किया.
तलाश जारी
रैकेट चलाने वाले एक किंगपिन, भारत कृष्ण काटे को क्राइम ब्रांच ने सोलापुर से गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में एक पंडित पवार नाम के शख्स की भी तलाश जारी है. सेना के सूत्रों के मुताबिक, भारत और पवार पीड़ित युवाओं से टीए में भर्ती के लिए 4-5 लाख रुपये ऐठते थे. यहां तक की रैकेट से जुड़े आरोपी इन युवाओं को फर्जी परीक्षा, मेडिकल टेस्ट और ट्रेनिंग कराने के लिए अलग-अलग जगह भी लेकर जाते थे.
जांच में यह भी पता चला है कि रैकेट के जरिए ना केवल टेरिटोरियल आर्मी बल्कि रेलवे और बैंक में काम कराने का झांसा भी दिया जाता था. इसके लिए पीड़ितों को फर्जी कॉल लेटर, आई-कार्ड तक मुहैया कराते थे. रैकेट में फंसने वाले युवाओं को सेना ने इस तरह के जाल में ना फंसने के लिए आगाह किया है. साथ ही इस तरह के किसी भी रैकेट, फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार की तुरंत शिकायत सेना और पुलिस से करने की अपील की है.