नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कश्मीर घाटी में टेरर फंडिंग से जुड़े एक मामले में जम्मू कश्मीर के पूर्व निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल राशिद को बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वह राशिद इंजीनियर के नाम से मशहूर हैं और इस मामले में एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए मुख्यधारा के पहले नेता हैं. वह उत्तर कश्मीर में लंगाते विधानसभा सीट से विधायक थे.
जिला न्यायाधीश यशवंत कुमार ने राशिद को दो हफ्ते की हिरासत में भेज दिया. एनआईए ने उनकी हिरासत में पूछताछ की अवधि खत्म होने से पहले अदालत के समक्ष उन्हें पेश किया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि आरोपी से और पूछताछ की जरूरत नहीं है.
उसने पहले अदालत को बताया था कि राशिद को पाकिस्तान स्थित जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद से पैसे मिले और उन्होंने आतंकवाद के वित्त पोषण में हुर्रियत नेताओं की मदद की. एजेंसी ने बताया कि राशिद से पहले 2017 में इस मामले में पूछताछ की गई और पिछले हफ्ते फिर से उसे समन भेजा.
राशिद की ओर से पेश हुए वकील अंकित सरना ने एनआईए की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह पहले ही जांच में सहयोग कर रहे हैं, इसलिए उनसे हिरासत में और पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है. एनआईए ने बताया कि राशिद को नौ अगस्त को गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वह सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए थे.
कारोबारी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान राशिद का नाम सामने आया था. वटाली को घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को रुपये देने के आरोप में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.
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