टेरर फंडिंग मामले में आतंकी हाफिज सईद समेत इनके खिलाफ ED ने दायर की चार्जशीट
ईडी ने आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के सरगना हाफिज सईद के खिलाफ टेरर फंडिंग मामले में चार्जशीट दायर की है. ईडी ने हाफिज से जुड़े कुछ अन्य नामों को भी जोड़ा है जो हवाला के जरिए आतंकियों को पैसे पहुंचा रहे थे.
नई दिल्ली: आतंकवादियों को वित्तीय सहायता (टेरर फंडिंग) संबंधी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कुख्यात आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज मोहम्मद सईद समेत कुल 5 लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश किया है. इनमें हाफिज मोहम्मद सईद का डिप्टी शाहिद मोहम्मद भी शामिल है.
ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है उनमें हाफिज मोहम्मद सईद, मोहम्मद सलमान, हाफिज का डिप्टी शाहिद मोहम्मद, कामरान और दुबई का एक व्यवसाई मोहम्मद सलीम उर्फ मामा भी शामिल है. ईडी ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए द्वारा दर्ज किए गए मामले के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था.
ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक इस मुकदमे की जांच के दौरान पाया गया कि हवाला चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान से पैसा पहले दुबई आया और फिर दुबई से होता हुआ यह पैसा भारत आया. इस मामले में यह भी पाया गया कि भारत आने वाला पैसा मोहम्मद सलमान तथा अन्य लोगों को मिला.
जांच के दौरान पता चला कि इस मामले में जिस फलाहे इंसानियत नाम की ट्रस्ट का जिक्र किया जा रहा है वास्तव में वह हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा से जुड़ा हुआ है. पाकिस्तान में प्रतिबंधों से बचने के लिए हाफिज सईद ने इस संगठन को खड़ा किया था और इसी संगठन के माध्यम से आतंकवादियों को हवाला के जरिए धन भेजने का काम किया जा रहा था.
भारत सरकार ने फलाहे इंसानियत को भी आतंकवादी संगठनों की कैटेगरी में शामिल किया था जबकि हाफिज सईद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी घोषित किया जा चुका है. जांच के दौरान पता चला कि फलाहे इंसानियत नाम के इस संगठन द्वारा मानवीय और धार्मिक कार्य केवल लोगों के मन में भटकाव पैदा करने यानी आतंकवादी बनाने के लिए टूल के तौर पर प्रयोग में लाए जा रहे थे.
वास्तव में इस संगठन का काम आतंकवादियों को धन प्रदान करना उनके लिए धन विभिन्न हवाला चैनलों के माध्यम से मंगाना, आतंकवादियों का नेटवर्क और स्लीपर सेल बनाना और युवाओं को आतंकवाद के लिए प्रेरित करना है. ईडी ने इस मामले की जांच के दौरान तीन करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त भी की है. मामले की जांच अभी जारी है. इस मामले में शामिल दो आरोपी अभी भी न्यायिक हिरासत में जेल में है.