टेरर फंडिंग केस: जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर, बारामूला सहित 12 जगहों पर NIA की छापेमारी
इसी साल तीन जून को इस मामले में एनआईए की टीम ने दिल्ली में सात और कश्मीर में 14 जगहों पर छापेमारी की थी. एनआईए को आतंकियों को फंडिग करने का शक है. इस मामले में एनआईए पिछले दिनों अलागववादी नेताओं से पूछताछ भी कर चुकी है.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आज टेरर फंडिग केस में एनआईए (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) ने श्रीनगर, बारामूला और हंदवाड़ा सहित 12 जगहों पर छापेमारी की है. एनआई की तरफ से सुबह से ही छापेमारी जारी है. दरअसल एनआई ने इस केस में सात अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया था. इन नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ही एनआई ये छापेमारी कर रही है.
Terror Funding Case-NIA conducting searches at 12 locations in J&K's Srinagar, Baramulla & Handwara; #Visuals of raid in Srinagar pic.twitter.com/FjDeiZuKnu
— ANI (@ANI) August 16, 2017
जहूर वटाली के करीबियों के यहां भी छापा
बताया जा रहा है कि एनआईए ने कारोबारी जहूर वटाली के करीबियों के यहां ये छापेमारी की है. इसमें जहूर वटाली के ड्राइवर का घर भी शामिल है. यहां भी एनआईए ने छापे मारे हैं. वटाली के जिस ड्राइवर के यहां छापेमारी हुई है उसका नाम मोहम्मद अकबर है. इसके अलावा तराहमा में भी शफी के यहां पर छापे मारे गए हैं.
जून में दिल्ली-कश्मीर में 21 जगहों पर की थी छापेमारी
इसी साल तीन जून को इस मामले में एनआईए की टीम ने दिल्ली में सात और कश्मीर में 14 जगहों पर छापेमारी की थी. एनआईए को आतंकियों को फंडिग करने का शक है. इस मामले में एनआईए पिछले दिनों अलागववादी नेताओं से पूछताछ भी कर चुकी है. सूत्रों के मुताबिक़ एनआईए को अब तक कि जांच में कई पुख्ता सबूत मिले हैं. एनआईए इन अलगाववादी नेताओं के खिलाफ प्रारंभिक जांच कर रही है.
NIA कर चुकी है उरी-पुंछ के रास्ते व्यापार बंद करने की सिफारिश
इससे पहले जुलाई में एनआईए ने जम्मू कश्मीर के उरी और पुंछ के रास्ते व्यापार बंद करने की सिफारिश की थी. एनआईए के मुताबिक अगर उरी-पुंछ से व्यापार रोक दिया जाए तो आतंकियों को होने वाली फंडिंग पर भी रोक लगेगी. एनआईए ने पाया है कि भारत से जो सामान भेजा जाता है उसकी ओवर प्राइसिंग की जाती है. लेकिन जब उतने ही कीमत का सामान पाकिस्तान से लाया जाता तो सामान ज्यादा लाया जाता है और कीमत कम बताई जाती है. इससे जो मुनाफा होता है वो अलगाववादियों और आतंकवादियों को मिलता है.
एनआईए ने करीब 20 दिनों तक अलगाववादी नेताओं से पूछताछ की थी. पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं, जिसको लेकर NIA की जांच जारी है.