Ghaziabad Dog Attack: गाजियाबाद में आवारा कुत्ते ने ढाई साल के बच्चे को काटा, अस्पताल में करवाना पड़ा भर्ती
गाजियाबाद की वेलिंगटन सोसायटी में आवारा कुत्तों के खौफ से बच्चों के खेलने वाले पार्क में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है. झूले बिल्कुल सूने हैं, आसपास के एरिया में भी छोटे बच्चे खेलते नजर नहीं आ रहे हैं.
Ghaziabad Dog Attack : गाजियाबाद की पंचशील वेलिंगटन सोसायटी में एक ढाई साल के बच्चे को आवारा कुत्ते ने काट लिया, जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. आवारा कुत्तों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही सोसायटी में रहने वाली मांओं का कहना है कि गार्ड की लापरवाही से कुत्ते सोसायटी में दाखिल होते हैं. बेसमेंट के जरिए सीधे पार्क एरिया में पहुंच कर बच्चों को परेशान करते हैं. कुत्तों की वजह से बच्चों में काफी डर है और खेलने वाली जगहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि आवारा कुत्तों को फीडिंग कराने वालों पर एक्शन लिया जाए.
वेलिंगटन सोसायटी के पार्कों के झूले सूने हैं, न ही पार्क में और ना ही आसपास के एरिया में छोटे बच्चे खेलते नजर आ रहे हैं. बच्चों की मांओं का कहना है कि आवारा कुत्तों की वजह से बच्चे काफी डरे हुए हैं. इससे पहले मंगलवार को एक ढाई साल के बच्चे अथर्व को आवारा कुत्तों ने बुरी तरह काटा कि उसे अस्पताल में एडमिट कराना पड़ा और अभी भी 2 दिन बाद भी वो अस्पताल मे ही है.
बच्चे के परिजनों ने सिक्योरिटी की मांग की
अथर्व की दादी का कहना है कि कुत्ते के खौफ की ही वजह से उन्होंने सुबह वाक करने जाना छोड़ दिया. कुत्ते ने छोटे बच्चे के कपड़े नोच लिए और उसे 40-50 इंजेक्शन लगे. पहले भी हमने कंप्लेन की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. वो घर में अपने बेटा बहू और 2 बच्चे के साथ रहती हैं. उनकी मांग है कि हमें पूरी सिक्योरिटी चाहिए. मेंटेनेंस में कोई गार्ड नहीं है. वहीं रश्मि अग्रवाल ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए बताया कि उनके बच्चे को कुत्ते को काटा था. रश्मि के अनुसार पेट लवर का कहना है कि आप लोग अपना आशियाना बना लेते हैं, लेकिन कुत्ते कहां रहे.
मेंटेनेंस में शिकायत के बाद भी नहीं हुआ असर
वहीं सोसायटी के ही एक अन्य शख्स ने कहा, अब कुत्ते वाइल्ड एनिमल में बदल गए हैं. बच्चे स्कूल से वापस आते हैं तो डर जाते हैं, क्योंकि कुत्ते कोने में छिपे बैठे रहते हैं. परसों जब ढाई साल के बच्चे को कुत्ते ने जब काटा तब अथॉरिटी ने कोई एक्शन नहीं लिया. हम लोगों ने जब परसों आवारा कुत्तों के खिलाफ प्रदर्शन किया तब हम लोगों के ऊपर आलू और अंडे भी फेंके गए. अथॉरिटी से कोई मजबूत आश्वासन नहीं मिला है. हमारी सोसायटी की ओर से डॉग बाइट की 25-30 एप्लीकेशन जा चुकी है.
वहीं अशोक कुमार अपना पेट दिखाते हुए कहते हैं, मुझे कुत्ते ने काटा था और 5 इंजेक्शन लगे थे. सोसायटी की पूनम ने कहा कि मेरे ऊपर डॉग ने अटैक किया. जब हमने कुत्ते को हटाने भगाने की कोशिश की तो डॉग लवर ने मेरी गर्दन पकड़ी. डॉग लवर लेडी ने प्रेशर बनाकर रखा है. आज सुबह प्रदर्शन में बहुत गंदी भाषा इस्तेमाल किया. हम लोग स्ट्रीट डॉग के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे थे, इसलिए उस महिला ने आज सुबह भी हमला किया.
सोसायटी में रहने वाले राम गोपाल गुप्ता का कहना है कि पार्किंग में कुत्ते की फीडिंग NGO से होती है. कोई पार्किंग में कैसे कुत्ते को खिला सकता है? सोसायटी के लोगों का कहना है कि सोसायटी के बगल में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है, वहां पर गार्ड की लापरवाही से कुत्ते सोसायटी में दाखिल होते हैं और सीधे पार्क एरिया में पहुंच कर बच्चों को डराते हैं.
पड़ताल में निकली कई सारी खामियां
एबीपी न्यूज की टीम ने वहां पहुंचकर गार्ड से बात की. गार्ड ने भी माना की इसी जगह से कुत्ते सोसायटी के अंदर जाते हैं. इसके बाद एबीपी न्यूज सोसायटी के बेसमेंट (-1और -2 पार्किंग एरिया) में जिस जगह से कुत्ते अंदर आते हैं, उस जगह की पड़ताल की. 1 और 2 का पार्किंग एरिया पूरी तरह एक Temporary स्ट्रक्चर से बना हुआ है. वहां हमें गार्डस भी नहीं दिखे. उसे टीन शेड से temporary बंद करने की कोशिश की गयी, लेकिन काफी खुली जगह है, जिससे कुत्ते अंदर घुस आते हैं और सीधे सीढ़ियों के सहारे अंदर सोसायटी के पार्क में पहुंच जाते हैं.
पार्किंग एरिया में मौजूद सोसायटी की महिला अलका का कहना है कि हम पिछले 10 सालों से रह रहे हैं, लेकिन ये अब तक वैसा का वैसा ही है. कहने को temporary है, लेकिन हमारे लिए ये परमानेंट ही है. इसकी वजह से हमारे बच्चों की सुरक्षा के लिए हम मांओं ने प्रोटेस्ट किया. हर टॉवर की साइट में ऐसे ही रास्ते हैं, हर जगह ऐसी ही स्थिति है.
हम उसी रास्ते से बेसमेंट के सहारे ऊपर पार्क में पहुंचे जिस रास्ते से कुत्ते सोसायटी के अंदर पार्क में दाखिल हो जाते हैं. वहां पर अलका ने बताया कि बेसमेंट में गार्ड नहीं रहते हैं. हम कंप्लेन कर चुके हैं. इसे कवर करवा दीजिए, इसकी कोई जरूरत नहीं, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया. इसके बाद जब हमने सोसायटी के मेंटेनेंस स्टाफ से इस सिलसिले में बात की तो उनका कहना है कि लोग कुत्ते को जानबूझकर कर खाना खिलाने के लिए बुलाते हैं. जहां तक बेसमेंट के सुराख की बात है तो उसे बंद करवा रखा है, हमारी सिक्यूरिटी कुत्तों को भगाती है, लेकिन एक लेडी जो डॉग लवर है, उसने कुत्तों को भगाने पर हमें गाली दी और बद्दुआ दी.
विजय नगर थाना प्रभारी को सोसायटी के लोग लिखे पत्र
मंगलवार को हुई घटना के बाद सोसायटी के लोग बीते बुधवार शाम से ही प्रदर्शन कर रहे हैं और इनका कहना है कि जब तक इस सोसाइटी के अंदर आसपास के जगहों से कुत्ते नहीं हट जाएंगे तब तक यह प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. पंचशील वेलिंगटन सोसायटी के लोगों की ओर से गाजियाबाद के विजय नगर थाना प्रभारी को एक पत्र भी लिखा गया है, जिसमें सोसायटी में कुत्ते के आतंक को देखते हुए पांच मांगों को पूरा करने की बात की गयी है. इस लेटर में सोसायटी के 120 लोगों के साइन भी हैं.
उनकी मांगे हैं -
1- सोसाइटी में कुत्ते की एंट्री प्वाइंट की पहचान हो और उसे बंद किया जाए.
2- पालतू कुत्ते को mouth nozel लगाकर टहलएं और नगर पालिका में पंजीकरण कराएं.
3- आवारा कुत्तों को सोसायटी में खाना खिलाने वालों पर कार्रवाई हो.
4- सोसायटी में घूमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़ कर नगर पालिका को सौंपा जाए.
5- सोसाइटी के बेसमेंट में गार्ड की संख्या बढ़ाई जाए.