नई दिल्ली: देश के अस्पताल आए दिन दुर्व्यवस्था के लिए चर्चा में रहते हैं. इसी तरह आजकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का बीएचयू ट्रामा सेंटर चर्चा में है. चूहों के आतंक की वजह से बीएचयू ट्रॉमा सेंटर चर्चा में आ गया है. हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते मंगलवार को ट्रॉमा सेंटर में चूहों के चलते आग लग गई और करीब 20 लाख रुपये का नुकसान हो गया.


जांच के लिए बनी टीम, वीसी को देगी रिपोर्ट
सीसीटीवी कैमरे को बैकअप देने के लिए लगी बैटरी के तार को चूहों ने कुतर दिया. इससे स्पार्किंग होने लगी और बाद में आग लग गई. इस पूरे मामले की जांच के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक टीम बनाई है, जो चूहों के आतंक पर कुलपति को जांच रिपोर्ट देगी.


पूरे अस्पताल में चूहों की भरमार, प्राइवेट कंपनी भी नहीं मार पाई
ट्रॉमा सेंटर के सेंट्रलाइज एसी प्लांट समेत पूरे अस्पताल में चूहों की भरमार है. इनके चलते कभी फायर अलार्म अपने आप बजने लगता है तो कभी सीसीटीवी कैमरा बंद हो जाता है. ट्रॉमा सेंटर प्रबंधन ने एक प्राइवेट कंपनी को चूहों को मारने का ठेका दिया है लेकिन बीते दो महीने से कंपनी के काम करने के बावजूद अभी भी ट्रामा सेंटर चूहों से मुक्त नहीं हो पाया.


कैंटीन और स्टोर में भी चूहों का आतंक
बीएचयू ट्रामा सेंटर भवन की छत में लगे हार्ड बोर्ड में चूहों के बिल हैं. इसी रास्ते वे वार्ड से खाने पीने की चीजें ले जाते हैं. चूहों के आतंक ना सिर्फ वार्डों में बल्कि कैंटीन और स्टोर तक में है.


चूहे गणेश जी सवारी, हटाए नहीं जा सकते: मेडिकल सुपरिंटेंडेंट
इस समस्या पर हमने जब बीएचयू के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ओपी उपाध्याय ने 'अभूतपूर्व' तर्क दिए. सुपरिंटेंडेंट साहब का कहना है कि चूहे गणेश जी की सवारी हैं, इसलिए उन्हें हटाया जाना संभव नहीं है. ओपी उपाध्याय का कहना है कि चूहे हर जगह होते हैं, और अस्पताल में भी हैं.


मध्य प्रदेश में चूहों की वजह से गिरी इमारत
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों आपने मध्य प्रदेश की एक तस्वीर देखी होगी, जिसमें चूहों की वजह से तीन मंजिला इमारत ढह गई. बीएचयू में आजकल कुछ ऐसे ही हालात हैं, जहां अस्पताल के अंदर चूहों की भरमार से ना सिर्फ मरीज और उनके परिजन परेशान हैं बल्कि अस्पताल के अंदर रखे सामानों को भी नुकसान हो रहा है.