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'ऐसी जगह कौन आना चाहेगा, जहां...', कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ने से टूरिज्म को हो रहा भारी नुकसान

Jammu Kashmir Tourism Affects: जम्मू कश्मीर में पिछले एक महीने में जिस हिसाब से आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं उसके कारण पर्यटन उद्योग पर बुरा असर पड़ा है.

Jammu Kashmir Tourism Affects: जम्मू कश्मीर में पिछले चार सप्ताह में आतंकवादी हिंसा में वृद्धि ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को प्रभावित किया है, लेकिन हिंसा का सबसे बुरा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ रहा है. हालांकि, उद्योग से जुड़े लोग हिंसा के कारण रद्द की गई यात्राओं की सही संख्या के बारे में कुछ नहीं बता रहे हैं, लेकिन इसका असर साफ दिखाई दे रहा है. 

कभी गुलजार रहने वाली डल झील में पिछले साल की तुलना में शाम के समय पर्यटकों की संख्या कम देखी जा रही है. झील पर शिकारा चलाने वालों के अनुसार पहले इलेक्शन और अभी हिंसा की वारदात के चलते पर्यटकों की संख्या में कमी आयी है. पहले तो इलेक्शन और उसके बाद हिंसा की वारदात के चलते लोगों को थोड़ा डर लगा, जिस के चलते पर्यटकों की संख्या में कुछ कमी आयी है. 

'कौन आना चाहेगा ऐसी जगह, जहां हिंसा का खतरा हो'

वाली मोहम्मद प्रेजिडेंट डल झील शिकारा एसोसिएशन ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर के दौरान कई लोग पूजा की छुट्टियों के दौरान कश्मीर आते थे, क्योंकि उन्हें घूमने का मौका मिलता था. लेकिन, पर्यटन स्थलों के आसपास आतंकवादी हिंसा की कई घटनाओं ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है. वहीं जेएंडके होटलियर एसोसिएशन के सचिव तारिक गनी ने कहा, "ऐसी जगह कौन आना चाहेगा, जहां हिंसा का खतरा हो. लोग मौज-मस्ती करने आएंगे और अगर स्थिति खराब हो, तो लोग क्यों आएंगे". तारिक अकेले ऐसी चिंता जताने वाले नहीं हैं, बल्कि व्यापार से जुड़े लोगों को अभी भी उम्मीद है कि सरकार की मदद से वे कश्मीर को सुरक्षित जगह के रूप में पेश कर पाएंगे, ताकि शरद ऋतु और सर्दियों के पर्यटन को बचाया जा सके.

पर्यटन उद्योग को सरकार से उम्मीद 

तारिक गनी ने कहा, "यह पूजा की छुट्टियों का मौसम है और अगले महीने से शीतकालीन पर्यटन शुरू हो जाएगा. हालांकि, कुछ रद्दीकरण हुए हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि सरकार सुरक्षा स्थिति में सुधार करेगी और हम अधिक पर्यटकों की मेजबानी कर पाएंगे."

1 जनवरी से 30 सितंबर, 2024 तक खूब आए टूरिस्ट

कश्मीर घाटी में पर्यटन में अभूतपूर्व उछाल आया, 1 जनवरी से 30 सितंबर, 2024 तक 26 लाख से अधिक पर्यटक दर्ज किए गए. पर्यटन विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पर्यटकों की कुल संख्या 26,28,509 तक पहुंच गई, जिसमें 35,254 विदेशी आगंतुक शामिल थे, जो इस क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ते अंतरराष्ट्रीय आकर्षण को रेखांकित करता है.

मासिक पर्यटकों के आगमन के आंकड़े बताते हैं कि

  • जनवरी में 199,398 आगंतुक आए, जिनमें 2,167 विदेशी थे.
  • फरवरी में 176,134 पर्यटक आए, जिनमें 6,559 विदेशी थे.
  • मार्च में 226,726 पर्यटक आए.
  • अप्रैल में 288,398 पर्यटक आए, जिनमें से 7,348 विदेशी थे. 
  • मई में 297,173 पर्यटक पंजीकृत हुए, जिनमें 2,802 विदेशी पर्यटक शामिल थे. 
  • जून में कुल 378,022 पर्यटक आए, जिनमें 3,119 विदेशी पर्यटक शामिल थे. 
  • जुलाई में पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई, जिसमें 2,740 विदेशी पर्यटकों सहित 526,465 पर्यटक आए. 
  • अगस्त में 339,539 पर्यटक आए.
  • सितंबर में 3,446 विदेशी पर्यटकों सहित 196,654 पर्यटक आए. 

पूजा की छुट्टियों के बावजूद अक्टूबर महीने और अभी नवंबर महीने में संख्या में गिरावट देखी गई. अधिकारियों ने अक्टूबर के दौरान चुनावों को संख्या में गिरावट का कारण बता रहे है,  जबकि आतंकवादी हमलों में वृद्धि को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. अभी तक अक्टूबर महीने के आगमन के लिए अब तक आधिकारिक तौर पर कोई संख्या जारी नहीं की गई है. 

यहां 35 सालों से कोई आतंकी हमला नहीं हुआ

अक्टूबर में सोनमर्ग के पास गगनगीर में 20 अक्टूबर को और गुलमर्ग के पास बोटापाथरी में 24 अक्टूबर को हमले हुए. ये दोनों ही इलाके पूरे जम्मू-कश्मीर में सबसे सुरक्षित माने जाते हैं, जहां पिछले 35 सालों में कोई आतंकी हमला, आतंकी मौजूदगी या कोई अन्य गतिविधि नहीं हुई है..

और दो आतंकी घटनाएं 

श्रीनगर के पुराने शहर के खानयार इलाके में एक मुठभेड़ जिस में लश्कर कमांडर उस्मान मारा गया और रविवार (3 नवंबर) को लोकप्रिय रविवार बाजार की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा पिकेट पर ग्रेनेड हमला हुआ, जिस ने खतरे की घंटी बजा दी. श्रीनगर में ये दोनों घटनाएं दो साल से अधिक समय के अंतराल के बाद हुईं, क्योंकि श्रीनगर वस्तुतः आतंकवाद मुक्त रहा है. पिछली घटनाएं सितंबर 2022 में हुई थी. बढ़ती हिंसक घटनाओं के कारण राजस्व और पर्यटकों की संख्या में कमी के डर से कश्मीर में पर्यटन खिलाड़ियों ने मंगलवार को घाटी में आतंकी घटनाओं की निंदा की और उन्हें अस्वीकार्य बताया और कहा कि उद्योग शांति बहाल करने में सरकार का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

कश्मीर घाटी में शांति चाहते हैं पर्यटन से जुड़े लोग

यहां इस क्षेत्र से जुड़े कई कारोबारी नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पर्यटन से जुड़े लोगों ने कहा कि वे कश्मीर घाटी में शांति चाहते हैं. जम्मू कश्मीर होटलियर्स क्लब के चेयरमैन मुश्ताक चाया ने कहा, "यह कश्मीरियों को स्वीकार्य नहीं है. हम उन लोगों से अनुरोध करते हैं जो इसके पीछे हैं, वे ऐसा न करें. यह स्वीकार्य नहीं होगा कि लोग मारे जाएं और यहां की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाए."

ग्रेनेड हमले में 11 लोग घायल हुए थे

रविवार को टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर (टीआरसी) के पास ग्रेनेड से हमला हुआ, जिसमें 11 लोग घायल हो गए. इससे पहले, जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार के गठन के बाद से कई हमलों में गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाया गया था. एक अन्य पर्यटन से जुड़े मंज़ूर अहमद वांगनू ने कहा कि सरकार को ऐसी घटनाओं के मूल कारण की तलाश करनी चाहिए और फिर उसका समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमें बेरोजगारी और नशीली दवाओं के दुरुपयोग जैसे मुद्दों का समाधान करना होगा."

पिछले दो सालों में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आए

पिछले दो सालों में हिमालय की घाटी में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आए हैं. कुल मिलाकर दो सालों में 53.8 लाख पर्यटक आए हैं - 2023 में 27.1 लाख (जिसमें 4.5 लाख अमरनाथ यात्री शामिल हैं) और 2022 में 26.7 लाख. 1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद की शुरुआत के बाद से घाटी में इतनी संख्या दर्ज नहीं की गई है. 2022 और 2023 के अलावा, 2016 में 12.67 लाख पर्यटक आए थे.

यह भी पढ़ें- ‘ये शरिया के खिलाफ’, ईरान में अंडरगारमेंट में उतरी छात्रा तो भड़के ईरान के मंत्री

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