आतंकवाद प्रभावित पुलवामा, शोपियां में मतदान के दिन सड़कें सुनसान, मतदान केंद्र रहा खाली
हाल के वर्षों में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए कई आतंकवादियों के गृह क्षेत्र पुलवामा के लेलहार में मौजूद दो मतदान केंद्रों पर कोई भी व्यक्ति वोट डालता नहीं दिखा.
शोपियां/पुलवामा: अनंतनाग लोकसभा सीट के लिए सोमवार को हुए मतदान के बीच जम्मू कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित पुलवामा और शोपियां जिलों में मतदान केंद्र या तो खाली नजर आए या वहां बहुत कम मतदाता दिखे. इसके साथ ही मतदान केंद्रों को जाने वाली सड़कें सुनसान रहीं और चप्पे-चप्पे पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी दिखी.
कई मतदान केंद्रों पर अधिकारी खाली बैठे नजर आए, वहीं सुरक्षाकर्मी किसी भी संभावित अप्रिय घटना को रोकने के लिए मुस्तैद दिखे. सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर अनंतनाग लोकसभा सीट के लिए मतदान तीन चरणों में हो रहा है और चुनाव अधिकारियों ने सुरक्षा के मद्देनजर शोपियां और पुलवामा जिलों में कई मतदान केंद्रों को एक ही जगह स्थापित किया है.
अधिकारियों ने बताया कि दोनों जिलों में दो बजे तक 5.22 लाख मतदाताओं में से केवल 1.8 प्रतिशत ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. पुलवामा और शोपियां जिलों में मुख्य सड़कें सुनसान नजर आईं जहां केवल सुरक्षाकर्मियों के वाहन और मीडियाकर्मियों की आवाजाही ही दिखी जो अपनी ड्यूटी कर रहे थे.
हाल के वर्षों में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए कई आतंकवादियों के गृह क्षेत्र पुलवामा के लेलहार में मौजूद दो मतदान केंद्रों पर कोई भी व्यक्ति वोट डालता नहीं दिखा.
पुलवामा के ‘ई’ मतदान केंद्र पर दो लोग आतंकियों की धमकी की परवाह न करते हुए वोट डालने पहुंचे जहां 1,039 मतदाता हैं. चौगाम और मुर्रान-38 में एक-एक व्यक्ति वोट डालने पहुंचा. वहीं, मुर्रान-ए में अपराह्न तीन बजे तक 16 लोगों ने वोट डाला.
द्रुस्सो, अश्वंदर, दाऊरा, लर्कीपुरा, रोहमू, मैत्रीगाम और कांगन मतदान केंद्रों पर कोई भी व्यक्ति वोट डालने नहीं पहुंचा. इन जिलों में चुनावी प्रक्रिया को खतरा कोई अकारण नहीं है. आतंकवादियों ने एक मतदान केंद्र पर ग्रेनेड फेंका हालांकि इसमें जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ.
इस संबंध में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह विस्फोटक देसी बम से किया गया था जिसे एक पाइप में विस्फोटक सामग्री भरकर बनाया गया था. दोनों जिलों में कई जगहों से पथराव की खबरें भी मिली हैं. कई स्थानों पर टूटे शीशे देखे जा सकते हैं जिससे चुनावी क्षेत्रों के बीच आवागमन के खतरे का पता चलता है.
त्राल विधानसभा खंड में 88 हजार मतदाताओं में से केवल 458 ने वोट डाला है. यह हिज्बुल मुजाहिदीन के मारे गए आतंकी कमांडर बुरहान वानी और उसके कई साथियों का क्षेत्र है.