Terrorist Abdul Rauf Azhar: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कांफ्रेंस करके इशारों-इशारों में चीन को आड़े हाथों लिया है. अरिंदम बागची ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब आतंकवाद के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई की बात आती है तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय एक साथ मिलकर आवाज उठाने में असमर्थ रहा है. 9 अगस्त को UNSC में भारत ने खुली बहस में ये मुद्दा उठाया है."
दरअसल, 9 अगस्त को चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर का नाम काली सूची में डालने वाले अमेरिका-भारत के प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में बाधित कर दिया था.
पुलवामा हमले का मुख्य साजिशकर्ता है रउफ
बता दें कि जैश आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर कंधार अपहरण से लेकर पुलवामा हमले तक का मुख्य साजिशकर्ता रहा है. अमेरिका ने इसे 2010 में ही वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था. लेकिन चीन ने एक तरह से पाकिस्तान का सपोर्ट करते हुए जैश आतंकी अब्दुल रऊफ का संयुक्त राष्ट्र में बचाव किया. हालांकि ये बात भी छुपी नहीं है कि चीन पीछे के दरवाजे से पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों को सपोर्ट करता है.
रऊफ के खिलाफ इंटरपोल के कई रेड कॉर्नर नोटिस
रऊफ अजहर वो आतंकी है जिसकी वजह से भारत और पाकिस्तान दो बार युद्ध के कगार पर पहुंचे थे. जिसमें पहला मामला 2001 में किया गया संसद पर आतंकवादी हमला है, जबकि दूसरे हमला सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला था. इन हमलों से संबंधित 48 वर्षीय रऊफ के खिलाफ इंटरपोल के कई रेड कॉर्नर नोटिस भी लंबित पड़े हुए हैं. इंटरपोल के एक नोटिस के मुताबिक रऊफ अजहर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या इसके लिए कोशिश करने और उकसाने के मामले में वांछित चल रहा है. इसके बावजूद चीन लगातार रउफ का संयुक्त राष्ट्र मे ंबचाव कर रहा है.
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