Terrorist Abdul Rauf Azhar: चीन ने जिस जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर का नाम काली सूची में डालने वाले अमेरिका-भारत के प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में बाधित किया है. वह अब्दुल रऊफ अजहर कंधार अपहरण से लेकर पुलवामा हमले तक का मुख्य साजिशकर्ता रहा है. अमेरिका ने इसे 2010 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था.
कंधार प्रकरण में 40 सीआरपीएफ के जवान मारे गए थे. इसके कारण भारत-पाकिस्तान दो बार युद्ध की कगार पर पहुंच गए थे. रऊफ अजहर की पहचान जम्मू की कोट बलवाल जेल से अपने भाई मसूद अजहर की रिहाई की साजिश रचने वालों के मुख्य कर्ताधर्ता के तौर पर भी की जा चुकी है.
काठमांडू से उड़ान भरने वाला विमान ले जाया गया था कंधार
जैश-ए-मोहम्मद का ओहदेदार अब्दुल रऊफ अजहर 1999 में कंधार में आईसी-814 विमान अपहरण की घटना और 2019 में पुलवामा हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में गिना जाता है. जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गये थे. जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर का भाई रऊफ अजहर 1999 से भारतीय प्रतिष्ठानों पर हमलों की साजिश रचने के मामले में सबसे आगे रहा है. इनमें संसद पर 2001 का हमला, अयोध्या में 2005 में हमला और पठानकोट में भारतीय वायु सेना के एक अड्डे पर हमला शामिल है.
अमेरिका ने अब्दुल रऊफ अजहर को 2010 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था. वह सबसे पहले 1999 में सुर्खियों में आया था. जब काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले एक विमान का 24 दिसंबर को अपहरण कर तालिबान के नियंत्रण वाले कंधार ले जाया गया था. 31 दिसंबर 1999 को इस घटनाक्रम का पटाक्षेप हुआ तो सुरक्षा एजेंसियों ने रऊफ अजहर की पहचान जम्मू की कोट बलवाल जेल से अपने भाई मसूद अजहर की रिहाई की साजिश रचने वालों में मुख्य कर्ताधर्ता के तौर पर की.
रऊफ अजहर की वजह से दो बार हुआ भारत-पाकिस्तान का युद्ध
रऊफ अजहर के हमलों की साजिश की वजह से भारत और पाकिस्तान दो बार युद्ध के कगार पर पहुंचे थे. जिसमें पहला हमला संसद पर था. जबकि दूसरा सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला था. इन हमलों के सिलसिले में 48 साल के रऊफ के खिलाफ इंटरपोल के कई रेड कॉर्नर नोटिस भी लंबित पड़े हुए हैं. इंटरपोल के एक नोटिस के मुताबिक रऊफ अजहर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या इसके लिए कोशिश करने और उकसाने के मामले में वांछित चल रहा है.
पठानकोट हमले की जिम्मेदारी वाली वीडियो हुई डिलीट
रऊफ अजहर का एक वीडियो पाकिस्तान में एक वेबसाइट पर डाला गया था. जिसमें उसने पठानकोट हमले की जिम्मेदारी लेते हुए अपने लड़कों की तारीफ की थी. यह वीडियो इंटरपोल को भेजा गया था. इसके बाद वीडियो को डिलीट कर दिया गया. इसके साथ ही वेबसाइट भी बंद हो गई.
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